Book Title: Digambar Jain 1923 Varsh 16 Ank 09
Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 21
________________ ( १९) - दिगंबर जैन । " २७ सुक्तमुक्तावली सोमदेव ५१ वर्द्धमानचरित्र तक कीर्तिकृत अपूर्ण २८ क्रियाकलाप सं. प्रभाचन्द्रकृत वृत्ते ५२ हनुमानचरित्र सं० . पत्रे १२८ सं० १७८१ का लिखा। ५३ वर्द्धपानचरित्र , नोट-यह भी प्रगट योग्य है। १४ प्रमाणपरीक्षा १९ उत्तरपुराण संकी टिप्पणी संमें पर्व.५५ उपदेशरस्नमाला ४८ से ७६ तक। कठिा शब्दोंके अर्थ सं० ५६-१ न्यायचर्चा पत्रे ६ १५८७ वाल्मीकपुरे। यह बहुत उपयोगी है। ५७ - फुटार काव्य सं. हिन्दी टिप्पणी ३. धन्यकुमार चरित्र सं० सकल कीकृत ५८ चित्रसेन पद्मावती कथ। सं० पत्रे २० ३१ सुभाषितरत्नावकी सं० ,, - यह सं० १५२२ का लिखा है। ५९ सप्तभंगी वर्णन पत्रे ४ ३३ श्रीपाल चरित्र सं० , नं. ६० से ७१ तक भाषा हिन्दी व गुज३४ बृहत् द्रव्यसंग्रह वृत्त - रातीके रामादि ग्रंथ व २० ग्रंथ । ३. मूलसंघविरदावली श्री महावीरसे म.. वेष्टन न० ११ में कुमारसंमत्र, रघुवंश आदि धर्मचंद्रकृत सं०में जूनी देखने योग्य पत्रे १६ । अजैन कई ग्रंथ हैं। ३६ त्रेपनक्रिया उद्यापन वेष्टन न० १२ से २६ तक संस्कृत व गुन३७ अमरकोश जुना अपूर्ण राती रासोंके संग्रहादि हैं। ३८ श्रावक प्रतिक्रपण, वेष्टन २४ पद्मपुराण भाषा। ३९ ऋषभनाथचरित्र सं० . . _न० ३, ५, ६, ८, ९, १२, १३, २८, ४० सुकमालचरित्र सं० २९, ३१, ग्रन्थ माणकचंद ग्रन्थमालामें ४१ सत्मानुशासन भाषाटीका अपूर्ण प्रकाश योग्य हैं। नोट-बम्बई व आराके पर स्वती मंडारोंको यह सुची नोट कर लेनी चाहिये। ४२ उदय और बंध त्रिभंगी भाषा हिन्दी ४३ सम्यक्त कौमदी जोधरान का छंद . - शीतलप्रसाद ब्रह्मचारी । ४४ नागश्री कथा छंद किशनसिंह कृत नये २ ग्रंथ मगाइये। ४५ पुण्याश्राकयाकोष दौलतराम कासली. प्राचीन जैन इतिहास प्रथम भाग) वान कृत हिन्दी जैन बालबोधक चौथा भाग-समें ४६ नाटक समयसार लि० सं० १८१८६७ विषय हैं। पृ० ३१२ होने पर भी मू० सिर्फ ४७ विनोदीलाल कृत छंद पत्रे ३२ १८) है । पाठशाला व स्वाध्यायोपयोगी है। ४८ ब्धिविधान कथा आत्मसिद्धि-अंग्रेजी, संस्क।, गु राती ॥) ४९ भक्तामर कथा ४८ वीं जिनेंद्रभजनभंडार (७५ मनन ) ।) ५० कथाकोश सं० अर्ण पता-मैनेजर, दिगम्बर जैन-सूरत।

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