Book Title: Digambar Jain 1923 Varsh 16 Ank 07
Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 8
________________ दिगंबर जैन | (६) तथा मीयागाम रस्ते गाता हता. उतरी पड्युं हतुं. दि० जैन पाठशालाना विद्यार्थी करननना माइयो भजन आखे आ प्रसंगे पांव दिवत संघ मण जेबे दिवस सेठ ताराचं तरफ - थी तथा शा. छगनलाल वासवाला वखतचन्द झवेरचंद तथा जुना दहेरांनी पंत्रायती तरफ थी जमणो थयां हतां जो के आ हमणोमां अत्रेना संघ नरसिंगपुरा माइओए ननीवा मतभेदने लांघे भाग लीधो न होतो जे योग्य जण तु नहोतुं. सूरतमां रथोत्सव. सुरतमां चन्दावाडीनी पसे दहेरानो जीर्णोद्धार पंच तथा शेठ लचंद झवेरी तरफथी आशरे रुप्या ३००० :o) ख़र्चाईं थयो हतो ते निमित्त पूजन, शांतेविवान अने रथोत्सव समारम्भ वैशाख सुद १० थी ११ सुधी ठःठवाठथो थयो हतो, जे प्रसंगे गुजरातना नाना मोटा गामोना आशरे ३०० स्त्री पुरुषो तथा व्र० सुरेन्द्रकीर्तिजी, ब्र० शीतलप्रसादजी, ब्र० दिग्विजयसिंहजी, ब्र० दीपचन्दजी aoif, हेमसागरजी, ब्र० महावीरप्रसादजी बगेरे स्यागीओ पवार्या इता तथा सेठ सुखानं दजी, सेठ चुनीलाल हेमचन्दजी, सेठ लल्लुभाई लखमीचंद चौकसी, सेठ ठाकोरदास भगवानदास वगेरे आगेनोए खास हाजरी आपी हती. आवेा जुना ताराचंद नव पूजन रोज थतुं हतुं तेम शास्त्रसमा पण थती हती तथा रोज रात्रे चंदावाडीनी सामना विशाल चोगानां विद्वानानां व्याख्यान यतां हां जेम भ० सुरेन्द्रकी र्तिजी, ब्र० शीतलप्रसादनी, ब्र० दिग्विनय सिंहजी, पं० दीपचंदजी वर्णी वगेरेना आत्मधर्म, भहिंसा, गृहस्थधर्म, १६ संस्कार वगेरे विषयोपर व्याख्यान थयां हृतां जेमां स्त्री पुरुषो रात्रे १० वागता सुधी सारी संख्यामां हार रहेता हता. रथोत्सवो वरघोडो बहुम ठाठपाठयी सुद १४ मे दिने नीकल्यो हतो. रथ तथा साबेला वगेरेनी बोली मां ५०००) नी उपज थई हती. मुंबाईथी कृत्रिम घोड़ानो सुंदर रथ आवेलो होवाथी भाखुं सुरत शहर आ रथोत्सव जोवा वळ शेठ सुखानंदजी तथा शेठ ताराचन्दजीने अभिनंदन आापत्रा अत्रेना दि० जैनो तरफथी पुनेमने दिने फुनाडीमां मेळा वडो थयो हतो, जेमां मूलचन्द कसनदास कापडिया, ब्र. शीतल प्रसादजी तथा ब्र. दीपचंदजीए ए बने दानी महाशयोनी उदारतानुं वर्णन करी तेमनो उपकार मान्यो हतो, जेना उत्तरमां शेठ सुखानंदजीए ३०३) तथा शेठ ताराचन्दजीए २०१) मत्रेनी २ संस्थाओने भेट आप्या हता तेमज शेठ चुनीलाल हेमचंदे पण १५३) नुं दान कर्यु हतुं वळी सुरतमां दर वर्षे रथोत्सव करवानी सूचना पण आ प्रसंगे थई हती. नांदगांवना ठरावनो घोर विशेष । खुद १५नी रात्रे भ० सुरेन्द्रकीर्तिजीना प्रमुखपणा - नीचे मळेली खास सभामां शा० छगनहाल उत्तमचन्द सरैया सुरतनी दरखास्त अने शा० छोटालाल घेलामाई गांधी अंकलेश्वर तथा जीवणलाल हलोचंद बोचासणना टेकाथी नीचेनो ठराव सर्वानुमते पसार थयो हतो. सुरतमां रथोत्सव प्रसंगे भेगा थयेला सुरत, रांदेर, अम्लेश्वर, वडोदरा, अमदाबाद, प्रांतिज

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