Book Title: Dhyanashatakam Part 2
Author(s): Jinbhadragani Kshamashraman, Haribhadrasuri, Kirtiyashsuri
Publisher: Sanmarg Prakashan
View full book text ________________
परिशिष्टम् - २६ ध्यानशतकटीकागतविशिष्टशब्दाऽकारादिक्रमः
शब्द
गाथाङ्क
गाथाङ्क
५७
शब्द आहारकशरीर इहलोकभय ईषत्प्राग्भार उच्छ्वास-नि:श्वास उदाहरण उपधि उपयोग उपलक्षण उमास्वातिवाचक उल्मुक एकत्वभावना
ओघ
२, १०, २४
अज्ञान अणुव्रत अधर्मास्तिकाय अनाकार-उपयोग अनित्यत्वानुप्रेक्षा अनुकम्पा अनुत्तरविमान अनुयोगद्वार अनेकान्त अन्तर्मुहूर्त अन्यदृष्टिप्रशंसा अपध्यान अप्रतिष्ठान अप्रमत्तसंयत अभूतोद्भावनवचन अर्थान्तराभिधान अयोगी अर्हत् अवधलिङ्ग अशरणभावना असम्मोहलिङ्ग असि आगमिक-श्रुतपाठी आज्ञा आयतन आयु आवश्यक आश्रव आश्रवक्रिया आस्तिक्य
mews
औदारिकशरीर कर्मप्रकृति कर्मविपाक कर्वट कल्पित-उदाहरण कषाय कायक्रिया काययोग काययोगनिग्रह कायिकध्यान कायोत्सर्ग कारकहेतु काल कालसौकरिक कांक्षा कुतीर्थिक कुन्त कूटप्रयोग
४
4MNEMY
55 mm
र
०
०
Jain Education International 2010_02
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350