Book Title: Dhyanashatakam Part 2
Author(s): Jinbhadragani Kshamashraman, Haribhadrasuri, Kirtiyashsuri
Publisher: Sanmarg Prakashan
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परिशिष्टम्-३५
टीप्पन-परिशिष्टोपयुक्तग्रन्थावलिः ग्रन्थनाम
कर्ता टीकाकृतादि प्रकाशक १. अध्यात्ममतपरीक्षा यशोविजयजी महो. टी. यशोविजयजी महो. गीतार्थगङ्गा २. अध्यात्मसार यशोविजयजी महो. .
सन्मार्ग प्रकाशन ३. अनुयोगद्वार-चूर्णि
आर्यरक्षितसूरिजी चू. जिनदासमहत्तर ऋषभदेव केशरीमल ४. अष्टकप्रकरण
हरिभद्रसूरि टी. जिनेश्वरसूरि । अरिहन्त आराधक ट्रस्ट ५. आचाराङ्गसूत्र-चूर्णि सुधर्मास्वामीजी चू. जिनदासमहत्तर ऋषभदेव केशरीमल ६. आचाराङ्गसूत्र-नियुक्ति सुधर्मास्वामीजी नि. भद्रबाहुस्वामीजी मोतीलाल बनारसीदास ७. आत्मप्रबोध
जिनलाभसूरि टी. जिनलाभसूरि हरीचन्द करसनजी ८. आदिपुराण जिनसेनाचार्य
भारतीय ज्ञानपीठ ९. आप्तमीमांसा समन्तभद्र
गणेशवर्णी दिगम्बरजैन संस्थान १०. आवश्यकसूत्र-चूर्णि सुधर्मास्वामीजी चू. जिनदासमहत्तर ऋषभदेव-केशरीमल ११. आवश्यकनियुक्ति भद्रबाहुस्वामीजी टी. हरिभद्रसूरि आगमोदय समिति १२. आवश्यनियुक्ति-अवचूरि सुधर्मास्वामीजी धीरसुन्दरगणि द्वितीयभाग: अमुद्रितः १३. आवश्यकनियुक्ति-अवचूर्णि सुधर्मास्वामीजी अ. ज्ञानसागरसूरि । मोतीचन्द मगनभाई १४. आवश्यकनियुक्ति-दीपिका सुधर्मास्वामीजी दी. माणिक्यशेखरसूरि दानसूरिग्रन्थमाला १५. आवश्यकनियुक्ति-लघुटीका सुधर्मास्वामीजी तिलकाचार्यजी सन्मार्ग प्रकाशन
(द्वितीयभागः अमुद्रितः) १६. आवश्यकबृहद्वृत्ति-टिप्पनक सुधर्मास्वामीजी टी. हेमचन्द्रसूरि [मलधारी] नगीनभाई घेलाभाई १७ आवश्यकबृहद्वृत्तिसुधर्मास्वामीजी पूर्वाचार्य
अमुद्रित विषमपदपर्याया १८. उत्तराध्ययनसूत्र-टीका सुधर्मास्वामीजी टी. शांतिसूरीश्वरजी देवचन्द लालभाई १९. उत्तराध्ययनसूत्र-नियुक्ति सुधर्मास्वामीजी नि. भद्रबाहुस्वामीजी देवचन्द लालभाई २०. उत्तराध्ययनसूत्र-मूल सुधर्मास्वामीजी
देवचन्द लालभाई २१. उपमितिभवप्रपञ्चाकथा सिद्धर्षिगणि
अनेकान्त प्रकाशन २२. औपपातिकसूत्र-मूल सुधर्मास्वामीजी
पण्डीत हीरालाल कालीदास २३. कर्मग्रन्थ-टीका
देवेन्द्रसूरि टी. देवेन्द्रसूरि जैन आत्मानन्द सभा २४.कर्मग्रन्थ-मूल देवेन्द्रसूरि
जैन आत्मानन्द सभा २५. गुणस्थानकक्रमारोह-टीका रत्नशेखरसूरि टी. रत्नशेखरसूरि हर्षपुष्पामृत ग्रन्थमाला २६. गुणस्थानकक्रमारोह-मूल रत्नशेखरसूरि
हर्षपुष्यामृत ग्रन्थमाला २७. गुरुतत्त्वविनिश्चय यशोविजयजी महो. टी. यशोविजयजी महो. जैन साहित्य विकास मंडल २८. जैनेन्द्रसिद्धांतकोश
संपा. जिनेन्द्रवर्णी भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन
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