Book Title: Davvnimittam
Author(s): Rushiputra  Maharaj, Suvidhisagar Maharaj
Publisher: Bharatkumar Indarchand Papdiwal

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Page 109
________________ -निमितशास्त्रम ---- - निमित्तान वाले को उस रास्ते की तरफ देखकर सब हाल मालूम करना चाहिये। ७. सूर्योदय समय सम्म दिशाएं एकदम लाल मूंगे की मिसाल हो जावे तो जानों इस देश के राजा या शिवाजा लडका मृत्यु को प्रणा होला ! १८. अगर मानक या खून के मानिंद सूर्योदय समय दिशायें हो जावें । तो जान लो कि यहाँ घोर युद्ध होगा और खूब तलवारे चलैंगी। ९. अगर सूर्य से हेमंत ऋतु में गर्मी और ग्रीष्म ऋतु में सरदी हो तौ। जानौं कि मनुष्य बार-बार बीमारी से दु:ख उठागे । १०. सूर्योदय और अस्त होने के समय ऐसा मालूम हो कि सूर्य के अंदर से आगकी चिनगारियाँ निकलती है तो जानौं कि इस देश में हर सूरत से। , नुकसान पैदा होंगे। ११. सूर्यास्त समय ऐसा मालूम हो कि सूर्य से धुंआ-धूल निकल रहा। में है तो एक साल के अंदर राजा का मरण होगा। १२. सूर्योदय और अस्त समय यदि सूर्य वक्रगति मालूम हो तो जानो। कि अवश्य राजा या मंत्री का मरण होगा। १३. अब सूर्य के चिन्ह फल कहते हैं। अगर सूर्यास्त समय सूर्य के अंदर से जाज्वल्यमाज मच्छी के रे आकार उठता हुआ चिन्ह मालूम दे तो वो मनुष्यों को भय का कारण होता है। १४. सूर्य से लम्बी ज्वाला उठती हुई दिखाई दे तो छह महीने के अंदर देश तबाह हो जावे। १५. सूर्यास्त समय यदि सूर्य के पास ही दूसरा सूर्य उधोतवंत दिखाई। दे तो यह जान लो कि एक माह मैं राजा और प्रजा को व्याधि से कष्ट होगा। १६. अगर सूर्य के टूकडे-टुकडे नजर आने लगें और उसमें धूल-धुआँge उठता दिखाई दे तो यह बतलाता है कि व्याधि से देश पीडित और दुष्काल से प्रजा को कष्ट होगा। ११७. सूर्यास्त समय यदि सूर्य के इर्द-गिर्द बैंगनी पीला मजीठी और *काला मंडल दिखाई दे तो पांचवै रोज अवश्य नव रसों में खराबी पैदा होगी।

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