Book Title: Davvnimittam
Author(s): Rushiputra  Maharaj, Suvidhisagar Maharaj
Publisher: Bharatkumar Indarchand Papdiwal

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Page 131
________________ - -निमित्तशास्त्रम - - - ভা, কিন্তু -- - -- - - - - १.धर्म और संस्कृति: उदात्त चिन्तन से भरपूर तथा राष्ट्रभक्ति को जगाने वाला यह प्रवचन है । प्रवचनकर्ता परम पूज्य प्रखरवक्ता मुनि श्री सुविधिसागर जी महाराज हैं। सहयोग राशि:--५ रुपये. २.कैद मे फंसी हैआत्मा: परम पूज्य आगमनिष्ठ मुनि श्री सुविधिसागर जी महाराज का यह मंगल प्रवचन है। इसमें चतुर्गति के दुःखों का भावप्रवण वर्णन है। * परिशिष्ट के रूप में आगम से महान जानकारियाँ दी गई हैं। सहयोग राशि:-६ रुपये. ३.एबे - लगाम के घोडे सावधान! : परम पूज्य मुनि श्री सुविधिसागर जी महाराज के द्वारा लिखित 8 ३२ पत्र इस महाकृति में हैं। जिसने भी इस कृति को अबतक पढ़ा, उसने एक ही बात कही है कि तुमसा नहीं देखा। सहयोग राशि:-७५ रुपये. 4. स्मरणशक्तिका विकास कैसे करें?: परम पूज्य अचिन्त्य प्रजाशक्ति युधामुनि श्री सुविधिसागर जी महाराज की यह कालजयी कृति है। स्मरणशक्ति का विकास कैसे किया जाय ? इस विषय पर आयुर्वेद, मन्त्र, ध्यान, आसन, मुद्रा, एक्युप्रेशर, प्राकृतिक चिकित्सा, होमियोपैथी, चुम्बक चिकित्सा, आहारविज्ञान आदि के माध्यम से स्पष्ट किया गया है । स्मरणशक्ति के प्रकार विस्मरण के कारण और याद करने की विधि को इस कृति में अच्छी तरह स्पष्ट किया गया है। सहयोग राशि:- १० रुपये.

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