Book Title: Davvnimittam
Author(s): Rushiputra  Maharaj, Suvidhisagar Maharaj
Publisher: Bharatkumar Indarchand Papdiwal

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Page 132
________________ निमित्तशास्त्रम . (११९) कीड़ा विश्व १. आध्यात्मिकक्रीडालय: खेल-खेल में गहन ज्ञान की प्राप्ति का उपाय यह क्रीड़ालय है। ६ इसमें तोल मोल के बोल, चौबीस तीर्थंकर, बारह भावना, णमोकार मन्त्र, एक दिवसीय क्रिकेट और साँपसीढ़ी है। छह खेलों के क्रीडापट के साथ छह सौ प्रश्नों वाली पुस्तक और सम्पूर्ण आवश्यक सामग्री भी है। सहयोग राशि:- ५० रुपये. 2.ज्ञाननिधिक्रीडालय:व यथा नाम तथा गुण इस उक्ति को सार्थक करने वाली यह पावन है प्रकृति है। बालकों को सहजरूप से धार्मिक ज्ञान प्रदान कराने वाली यह कृति समाज में अबतक इकलौती है। नौ सौ नब्बे प्रश्नों वाली पुस्तक, ॐ क्रीडापट और सम्पूर्ण आवश्यक सामग्री प्रदान की जाती है। सहयोग राशि:- ५० रुपये, ३. ज्ञानार्जन क्रीड़ा मन्दिर : दूरदर्शन पर कौन बनेगा करोड़पति ? नामक एक क्रीड़ालय का । प्रसारण हो रहा था। उसी के आधार पर १० धार्मिक व 90 सामाजिक प्रश्न लेकर बनाया हुआ यह क्रीड़ा मन्दिर है। धार्मिक प्रश्न हो अथवा सामाजिक । अनेक विषयों के आधार से प्रश्नों का संकलन किया गया है। इसतरह का कीड़ालय जैन समाज में प्रथम बार ही प्रकाशित हुआ है। सहयोग राशि :- ३५ रुपये. १४. सन्मति क्रीडालय: ताश के ५२ पत्तों के माध्यम से जैनधर्म की शिक्षा देने वाला यह अनुपम क्रीड़ालय है । अनोखे प्रश्नों से युक्त जैन समाज में प्रकाशित हुआ इसतरह का अद्वितीय क्रीड़ालय लेने प्रमाढ मत कीजियेगा। सहयोग राशि :- ५०रुपये.

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