Book Title: Davvnimittam
Author(s): Rushiputra  Maharaj, Suvidhisagar Maharaj
Publisher: Bharatkumar Indarchand Papdiwal

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Page 113
________________ --जिमित्तशास्त्रम [१001 ५९, जहाँ पर बच्चे खेलते-खेलते यह चोर आया पकड़ों वगेरह शब्द मुंहसे निकालें तो तीसरे दिन चोरभय होगा। ६० जहाँपर मनुष्य गाते हों वा गाना सुनने को घोडी, हथिनी और कुतिया आकर सुनने लगे तो समझो कि उस देश का नाश होगा। ६१. जहाँ पर पंद्रह दिन घोडी या हथिनी गाना सुना करें तो छह । महीना मैं घोडी और एक साल मैं हथिनी देश नाश करेगी। ६२. अगर पांच महीने तक यह दोनों पशु गाना सुनते रहैं तो छठे महीनें जरूर ग्राम का नाश होगा। ६६३. जहाँ गीदड कुत्ते को और चूहा बिल्ली को मार लगा दे, वहाँ के देश का जरूर नाश होगा। १६४. जहाँ सुखा पेड उखड़ता दिखाई दे, तो उस ग्राम का, पुर का । अवश्य नाश होगा। *६५. मगर मैं जहाँ वसन्नी उदय हेते है जैसे लोह की वर्षा, मांस की वर्षा, घी की वर्षा, तेल की वर्षा | उनके फलों को कहते हैं। ६६. जहाँ उपर कही हुई वर्षायें हों, वहाँ घोर मारी की बीमारी होती है। ६७. (आगै इसकी अवधि बतलाते हैं।) अगर मांस की वर्षा हो तो एक मांस मैं और खून की वर्षा हो तो है दो मास में, विष्ठा की वर्षा हो तो छह मास मैं और यदि घी-तेल की वर्षा * हो तो सात दिन मैं फल करती है। ६८. यह उत्पात परचक्र भय या घोर मरी या राजा की मृत्यु या देशनाशादि भय करते हैं। ६९. अकाल समय लताएं फूलै और वृक्षों से खून की धारा निकलती दिखाई दें, तो अवश्य देश का नाश होगा । (उत्पात योग समाप्त) ७०, (इस गाथा का अनुवाद नहीं किया गया है) ७१. और वह जिस देश-नगर मैं प्रतिमा जी स्थिर या चलते भंग हो - जावें, उनके शुभाशुभ फलों को कहता हूँ। ७२. छत्रभंग होने से राजा का नुकसान हो । रथ के टूटने से राजा का मरण हो और छठे महीने शहर का नाश होगा। ७३. भामंडल के भंग होने से राजा को तीसरे या पांचवें महीने मरणांत कष्ट होगा।

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