Book Title: Davvnimittam
Author(s): Rushiputra  Maharaj, Suvidhisagar Maharaj
Publisher: Bharatkumar Indarchand Papdiwal

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Page 112
________________ --लिपित्तशास्त्रम - से नहीं आवै तो जान लो कि यहाँ पांचवें महीने मरी की बेमारी होगी। ४५. जहाँपर बहुत से मनुष्यों के दौडने की और लड़ने की आवाज मालुम हों और रुदन करते हुए शब्द सुनाई दें तो जानलो कि यहाँ हजारौं 12 मनुष्यों का नाश होगा। ४६. संध्या समय यदि शिवा (लोमडी विशेष) चौफेर गांव के रोवै तो । जानलो कि राजा का मरण होगा | ४७. अर्द्धरात्रि को परचक्र भयकर्ता, श्याम के वक्त रोग-व्याधि भय करती है और बाकी सिरः बता दै कोई नुकसान नहीं। ४८. जिस देश में कोलाहल शब्द सुनाई दिया करे, उस देश मैं घोर युद्ध अवश्य होगा। ४९. जहाँपर ध्रुव चीजें चलायमान हो जावें और चलायमान चीजें अचल हो जावे तो उस गाँव का तीसरे महीने में नाश हो जावेगा। * ५०. जिस गांव के ईर्द-गिर्द कई किश्म के बाजों की आवाजें सुनाई। दें तो उस पुरी का नाश हो जावेगा। ५१. सर्प जुते हुवे हैं जिसमें ऐसी गाडी गांव की तरफ आती हुई दिखाई दे तो जान लो इस ब्राम के खोटे भाग आये। ५२. विना बैलों का हल आपसे आप खेत में खड़ा होकर नाचने लतो जाजलो कि परचक्र का भय होगा। ५३. विना हवा वगेरा के कोई पेड गिर पड़े तो वहाँ पर मरी की की बीमारी जरूरी होगी। ५४. शहर के मध्य मैं अगर कुत्ते उंचा मुंह करके रोबैं तो यह बतलाते । है कि परचक्र से राजा का नाश होगा। ५५. शहर में पुरुष कंकाल (हड्डियों का पुरुषाकार) जैसैं मालुम देई तो जानलो कि परचक्र से राजा का नाश होगा। ५६. आमिषभक्षी पक्षी विना कारण जहाँ बहुतायत से उडते हुवे नजर आवै तो वहाँ जरुर परचक्र से नगर का नाश होगा। ५७. जहाँ पर बच्चे खेलते-खेलते आपस में लडाई शुरू करके क्रोध से भिडे तो जान लो कि यहाँ जरुर युद्ध होगा। ५८. बच्चे घरों से खेलने के लिए आग ले-लेकर आवें और उसमें खेलैंड १ तो पांचवे दिन जरुर उस गांव में आग लगैंगी।

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