Book Title: Chitta Samadhi Jain Yog
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 5
________________ प्रकाशकीय जैन योग से सम्बन्धित कई महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ जैन विश्व भारती द्वारा प्रकाशित किए जा चुके हैं, परन्तु उनकी रचना प्रेक्षा-ध्यान की व्याख्या के रूप में की गई थी। लम्बे समय से स्नातकोत्तर अध्ययनार्थ एक प्रतिनिधि ग्रन्थ की आवश्यकता प्रतीत हो रही थी जिसमें एक ही स्थान पर जिज्ञासुओं को जैन साधना विषयक उपादेय सामग्री उपलब्ध हो सके । इस दृष्टि से परमश्रद्धेय युवाचार्य श्री महाप्रज्ञ के निदेशन में पाठ्य-वस्तु का चयन किया गया, जिसे समणी कुसुमप्रज्ञा एवं सुश्री निरंजना द्वारा शुद्ध रूप में लिखवाया गया। वही सामग्री "चित्त समाधि : जैन योग' नामक ग्रन्थ के रूप में इस संस्था द्वारा प्रकाश में लाई जा रही है। इसके प्रकाशन से जैन साधना से सम्बन्धित अत्यन्त महत्त्व की सामग्री का एक संकलन तत्त्व-जिज्ञासुओं को सुलभ होगा और साधना के कई नदघाटित आयाम प्रकाश में आएंगे। इस ग्रन्थ में समाविष्ट अवतरण शास्त्रों की गहराई से खोज निकाले गए हैं जो विद्वानों के लिए मननीय तथ्य प्रस्तुत करते हैं । यही इस प्रकाशन का लक्ष्य है और यही इसकी उपलब्धि है । ___ यह संकलन ज्ञान-पिपासु साधकों को साधना के सिद्धांतात्मक एवं प्रयोगात्मक स्वरूप की झांकी प्रदान करने में सक्षम होगा, ऐसा हमारा सुदृढ़ विश्वास है । लाडनूं (राजस्थान) दिनांक-१ मार्च, १९८६ श्रीचंद बैंगानी मंत्री जैन विश्व भारती Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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