Book Title: Chaturth Stuti Nirnay Shankoddhara
Author(s): Marudhar Malav ane Gurjar Deshna Sadharmik Sangh
Publisher: Marudhar Malav ane Gurjar Deshna Sadharmik Sangh

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Page 2
________________ प्रस्तावना. सत्य बे तेमज प्रस्तावना ष्टष्ट बीजाथी ते पृष्ट त्रीजा सुधी जेटलो लेख लख्यो बे ते पण असत्य बे, केमके संवत् १९४० नी सालमां जंगमजुंग प्रधान जट्टारक प रमपुज्य प्राचार्य श्री विजयराजेंड्सूरिजी श्री गुजरात देशना शेहेर अमदावादमां प्रात्मारामजीनुं चोमासु थवं नक्की जाणीने पोताना शिष्य श्री धनविजयजी साधे विचार करयो के आत्मारामजी निरापेक्षीने विद्वान संजलाय बे, माटे यापणे त्यां जइए तो परस्पर सिद्धांतोना विचारनो अपूर्व अद्वितीय लान धाय; एम विचारीने श्री कृगशीनगरथी एकदम विहार करी केटलाएक साधुना परिवारथी श्री प्रमदावाद चोमासुं कर्यु, त्यारे श्री पर्युषण पर्व वीत्या पढी महाराज साहेबने वंदन करवाने अर्थे यापणा मालवा तथा मारवाड देशना साधर्मी श्रावक एकत्र थया, त्यारे त्यां श्री यमदावादना साधर्मी तथा श्री संघना श्रावकोना मुखथी वार्त्ता सांगली के आत्मारामजीने उत्सूत्र जाप करवानो तथा बोलीने फरी जवानो कशो विचार नथी, ने अहंकारनुं पूतनुं बे, ते खमे सारी पेठे जाणीए बीए, ने वली तेमने स्थानके एक वखत महाराज राजेंड्सूरिजी पधारया ने बे त्रण वार मुनि धनविजयजी मल्या; पण श्रात्मारामजी एकेवार महाराज पासे याव्या नही, अने

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