Book Title: Charcharyadi Granth Sangrah
Author(s): Jinduttsuri, Jinharisagarsuri
Publisher: Jindattsuri Gyanbhandar

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Page 2
________________ spch:hchoch श्री जिनदत्तसूरि प्राचीन पुस्तकोद्धार फण्ड (सुरत) प्रन्थाङ्क - ५३ ॥ अर्हम् ॥ श्री खरतरगच्छेश्वर यंगम युगप्रधान भट्टारक शासन प्रभावक दादा श्री जिनदत्तसूरीश्वर विरचित सं० २००४ ] Jain Education International मा. श्री कैerners मुरि ज्ञान मंदिर श्री महाबीर जैन आराधना केन्द्र, कोवा चर्यादि ग्रंथ संग्रह नम्र सूचन इस ग्रन्थ के अभ्यास का कार्य पूर्ण होते ही नियत समयावधि में शीघ्र वापस करने की कृपा करें. जिससे अन्य वाचकगण इसका उपयोग कर सकें. अनुवादक: आचार्य श्रीजिनहरिसागर सूरि जैनाचार्य श्रीमज्जिनकृपाचन्द्रसूरिजी के शिष्य उपाध्याय मुनि सुखसागरजी के उपदेश से जीयागञ्ज निवासी सुश्रावक बाबू गोविन्दचन्दजी भूरा के द्रव्य साहाय द्वारा प्रकाशित । प्रकाशक:-- श्री जिनदते सूरि ज्ञान भण्डार सूरत হ`:মান: Ósochche भेट 113 For Private & Personal Use Only [ प्र० ५०० www.jainelibrary.org

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