________________
वेदशसेवक देंशरहित निमीत्य हो दिनकर
यम स्टविरूप दोर मी सुखी चंदनरेश का मिचिच्चारि। ऊमरवलिमिवासना - तिम दीवसमिनारदो वयस क्यानवेतरी राहेंगे हलिनारिही कि हीतने शाणिमिदममारिदो रा० २ डिबेंसास्पद वीरा मोममनुदारद। विधूमेंइमक करो शक होणार हो रा स महानासी रामनामीदारमाठाल सत्यवादी डीडों चेदनिस्याम दीयाल हो रहा। दिन बाहिरबासीतरे के म शिधर एतो कारण मुली वादोनदानावर समागमें कपटनिकेत ( कमरमध्ये प्रातिरिमितिमेतकदल के महिका स्थतिदमासिवाद स्वामी बलायर एव मोस्यो उनमाद श्येला रोमनिमेंम्सुं काढी बेंवावेस भागलिका मनिश्वा स्थेमुवादविशेश ४कीद्योचलचीत्र रोगनिदानाकरि तरवय मज्येविद वाला प्रेम मिलवानल लोननीमन में रही इलेया रणे कंत कहीले यो मातसद आदान दिने ते मेोविद डालक निशीकओ काकुमा देशी ॥ मलव केसरिया बानारदासदी के यामीच्या समीया के किनारा सही रहोसरा के देतिकरु |इसे कबुल केलो कट स्थान के हो के करिकरिमाही के रूम दिलकदि
३८
न