Book Title: Chandraras Patra
Author(s): Mohanvijay, Kesharvijay
Publisher: Yakruli
View full book text
________________
|उदा गुरपश्मगिरें नारवितात विराग दीक्षा लेवाश्रवसरे सतम दोशयम हा ताग, रसज् सुनकर जोडीकडे प्रदीप गदाधार शिव सुखी सूखने दी संयमतार २ का साया नारकण मिकरिन विदा दिन किमदीनविनेदाय न तदचने गत गुरु तेमीचंदनरस उपदेशों सालिनृपति दो दिनो बैंकदेना ४ परिसदसदिवाकरी वन संयमगंडाधार करवा देत मोविदार ऐसंयमदेकवल प्रथमघा कीकत इतगिरिशिरी कहीदांगु ६ चेदक देचदोजगतगुरु बैठ वितसुकदेव करोप्रसाद रतन मतकरी वयोमान बोलवावी कामेच सोशली देशी।। चरिहरवा लीसारसमान कीथोवस्तारी
मन तुलयेोगेादरेंडी दिनकीों के मनोजी देव अनुकूल मामीजी एती कर्मात सनावदनमस्त कैंडी श्रीनि ●निवास शिववव करवात गोडी एकीका धर्मनैमुदय टीजी आदिनाथ तरीवाजी स्वरवेट कयदाघ ०४ श्रीवेदराऊ मायाजी मुनीयदेश नरसुरैंकी धावेदना कनन सकल सुरेश मतिमंत्रीलावासी लोन मसार राजी मंत्री मी तिकरिनीरवार ० ६ दीकाली धीशिवनी नगतियाम्ह लोकमानका सहिमाचोऽटबेल
सु

Page Navigation
1 ... 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208