Book Title: Chandraras Patra
Author(s): Mohanvijay, Kesharvijay
Publisher: Yakruli

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Page 199
________________ केदवाणी न्यायाधीशी शिकस्कानो कोईनर दोकान् पावली तो वैषिण चाशातीीनचार कोशिका १२वमन इनवेशनलाई मारे बाधिकार श्रीनि जीवा वंदनरे सुमतिदिन दियमांमार बाट २० श्रीदिन राजपत्रबुझ वेदी मोदनकरसानासनी वी समीढाइदा निवाला नीकरी-दोनदा पिटतीनियर वन्य करोमीओमी कपट तोमीमाया फेद दोमीला वैमान में श्रीश्रीज्ञान दिषेद २ को होता कमिले सबसागरपार स्वामीजी दोमुकवार की देखादा मुसीया लवी पोतावटनीति बादशहाचा उपयोगदान कान निकरेंदेवापिए मापनिबंधकानुमति बनीचारिक स्वरजीवेदना प्रतिवेद चरणकमल गोरानेदा विश्वररे वेदनाकरि राग केदारशी देवाणावलीमलालची एतेन ते मोमीएक वेगनानामविषयमा विबेमी (धिरवेतन से दाम लै का रा मैं बाजरे यूनिय | तमनोरा करस्यैतदोकारे विश्वनितमसंयमले शरिसोत्तमयासैरे नयतिघयुमन राज्यली लाघी जिनवालीदिसनारे मिलानलालसर वा

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