Book Title: Chandraras Patra
Author(s): Mohanvijay, Kesharvijay
Publisher: Yakruli
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बंदरासय
माजीसीचाल्यावेदनश्दिवर प्रासातिसदरीक्षामा सणेदयाशिवगरसिमको माटारं विदिनयंतिकमवावगंगलले विदिनानिदेशानश मलासनाने निश्चयनाजायगावेदय व अधियायोतनरवरिखंदकटकसरतार लाला यशयिरगतेदादिम आयोहीदास्थ्यतिअनुमहिलालावतीददतरराधार संतर सोऊनवर्विधर्मसगवेनावारपसासरवासावारी अागारि अनिशालेय या तिनिसानाधिकारटाल शयसंसाऐवजी सुरयतामरसमुदायमेरे एवं वियताक्वन हसरतमंदिवशेश्दमहानन्तरं १ जालस्योसदा नरमंगासासा दरडवनदादा नरसरङगतिकानेकाबरेवेदसामानहीकोदा विडादारासंतोनियर एसरिखाऊगदाधरशी माविस्करयाजसरि खिानिसाय सिहावलक लवटोरे यागवल्लीनररावर, जीवशालका एहमारे नदीकाइसंसार मेरु विलेलौरवलेरे जगासवनिरधारा कसरयासदतीकरिवेदनशीसुजा शायाnaकावबारे निशियोतानसरेंजोग यानीमध्यमवसर काविचार शदेव निरवीचितवनमनचलें मायास्यविसरेनीयरुदनकरेंगदेखरेश्रद्वारकास दिसानिसणावेदनरसरे अपरिजनशासविसमरे नी पहरणीवन मेरमेरे ए कस्नीमाभिमराति खमलिनिएकलरिचाल्यावंदविण्यासर जी जावादनिकोडमेश

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