Book Title: Chandraras Patra
Author(s): Mohanvijay, Kesharvijay
Publisher: Yakruli
View full book text
________________
विहंगसंबंधसावादार सवितासातासरे
स
सुर एयरदेशापागाई कुचनायबायोगदाऐग २ चलिरनरसयरे का चोप्रावरणे डरदेह शोरखवरदेशाधका सुखवलीनटासिकवार याविनाशकासा मितिमायोएलिये समवे शनिदरेसायसामुमाखमागियेण्यश्य एकाश्डिाकीवानारसुराकीमतटसराय वासिङ्गाप्राकशरेसका मेवाराविधायड माव्यानटरादयानरमु० मेवामुकादासये वाaमास्यरवावारेसुमाग्योसुकनितसवास अयस्कदरेमीससारसाम्यवादमदिवा य एघामामाजाविकारसय ऊकायममदाराना र झेय उमजाईयागार सुपएकाम योम्याधयायाविरमध्यलएदतरिसर वालवाकाहायोग र यसलनदेसरारदाना रसाययवसयायश्विारयेयडरबाहिरबातदारेशनातसदसलामवार या डेय कारक रिजऊकोरेसुरा यहिवदेत येणारसिंहलशचनरे ज्योकिाईमतिमेलयं० १९झे निरिसहोमकरुनेर साय झएकरहिं या वेदनारे लाल माथामाजसुगम अब बीयबामसूतस्परिका दोनलोकिककोययेय मानवचनभनौवारे सारदाकाराबो ल्याहायचे०१२ अय लीलावतीननरावधरिमुकदेनजीस येण्यामागहरूकमारे सय राजाजगासाये १४ देय आविस्वासअविनहारे सुन्छौशामुकतोय समाकलक मोसु यालासययुचनेनयण रथ ये सामयिोन सामेयीहरि सुवईशनिधाम येथ

Page Navigation
1 ... 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208