Book Title: Chandraras Patra
Author(s): Mohanvijay, Kesharvijay
Publisher: Yakruli
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वातिमंगलसर गिरिवरशसाहीविन्द्रयतामा यहिलादेवालयलाई निरुयरिवारदाजाराम
स्या विकराल रोगरलताहीाव्यानलदादीगअनारदोश्चेदस्य गारक्षनाहोसईयातायाजी १९ हटावरचोविमला रक्षकारूदीहोतबीजमनाजी नरनारीना
ग्रामवियदिापातस्विदलामी दिशरवानीसागएकात्वज्छादादरझेनतामहीडीय नेवतात श्रमकरणवारदोजनमारवीडीजी बाबालकसान पगियांगाविदो रंगवामयाजीसुमावदीयाकाश ओलेकिनचिहोदयसराताशी राष्ट्रगलसम्म दारविरणदिमायादवबिदित्ताजागिरिकदरासर्वागितामाहीशुचिमुरवरचवा जी सप बिसिरसोदयचोमरोमाहोदयितालाजी रोगनवेशरमादि कास्यिसाहेब रखेगनीगत्वीजी ६ मकारवान्यवेदनासदाव्यादामनमगहगदीदी यातमीपतरसावची शिलसिहामोदनविदोकादाजी साधीसविसेतीवियादेईदानकानन अधिरपानविन ला निश्चिाताकोव र सेतोयाशिवलंकारने देईधपकरणकोमिनीयमोदएमाको न्यकोई मकरंदो वेनिससामनेअधिकाशनकातीमादेवको मिmanmat लेने झिविधाहने नेम दातानरदनाधका याबुडोकेम प्रयोहतासन्जनिटहिं करतानव बदकालदरुत्यसपगडाऊगति नाशिकलाघाशालय कंचुकायरिशमन्वा रियाजागनस मायायामविध्योदयविदिशियसरगऽशयसलगशमशसिमकरी मासूझायनान
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