Book Title: Budhjan Satsai
Author(s): Budhjan Kavivar
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 12
________________ सुभाषित नीति बुधजन सतसई कूर कुरूपा कलहिनी, करकस बैन कठोर । ऐसी भूतनि भोगिवो बसिवो नरकनि घोर ।।१३०।। वरज्ये कुलकी बालिका, रूप कुरूप न जोय । रूपी अकुली परणतां', हीन कहे सब कोय ।।१३१।। विपति धीर रन विक्रमी, संपति क्षमा दयाल । कलाकुशल कोविद कवी, न्याय नीति भूपाल ।।१३२।। सांच झूठ भाषे सुहित, हिंसा दयाभिलाख । अति आमद अति व्यय करे, ये राजनिकी साख ॥१३३।। सुजन सुखी दुरजन डरें, करें न्याय धन संच। प्रजा पलें पख ना करें, श्रेष्ठ नृपति गुन पंच ।।१३४।। काना ढूंठा पाँगुला, वृद्ध कू बरा अंध । बेवारिस पालन करें, भूपति रचि परबंध ।।१३५।। कृपनबुद्धि अत्युग्रचित, झूठ कपट अदयाल । ऐसा स्वामी सेवतें, कदे न होय निहाल ।।१३६।। अहंकारी व्यसनी हठी, आलसवान अज्ञान । भृत्य न ऐसा राखिये, करे मनोरथहान ।।१३७।। नृप चाले ताही चलन, प्रजा चले वा चाल । जा पथ जा गजराज तहँ, जात जूथ ५ गजवाल ।।१३८।। १. भूतनी, २. विवाह करना, ३. देखकर, ४. नीच कुल की, ५. ब्याहने से, ६. कवि, ८. बिना हाथों का, ९. क्रोधी, १०. कभी-कभी, ११. अहंकारी-घमंडी, १२. आलसी, १३. दास-नौकर, १४. वही, १५. समूह सूर सुधीर पराक्रमी, सब वाहन असवार । जुद्धचतुर साहसि मधुर, सेनाधीश उदार ।।१३९।। निरलोभी सांचो सुघर', निरालसी मति धीर। हुकमी उदमी चौकसी, भंडारी गंभीर ।।१४०।। निरलोभी सांचो निडर, सुध" हिसाब करतार । स्वामि काम निरआलसी', नोसिंदा हितकार ।।१४१।। दरस परस पूछे करे, निरनै रोग रु आय। पथ्यापथ में निपुन चिर, वैद चतुर सुखदाय ।।१४२।। जुक्त सोच पाचक मधुर, देश काल वय जोग। सूपकार भोजनचतुर, बोले सत्य मनोग ।।१४३।। मूढ़ दरिद्री आयु लघु, व्यसनी लुब्ध करूर। नाधिपती ? नहिं दीजिये, जाका मन मगरूर ।।१४४।। सीख सरलकों दीजिये, विकट मिलें दुख होय । बया"सीख कपिकों दई, दिया घोंसला खोय ।।१४५।। अपनी पख नहिं तोरिये, रचि रहिये करि चाहि । ऊगैं तंदुल तुष सहित, तुष विन ऊगैं नाहिं ।।१४६।। अति लोलुप आसक्तके, विपदा नाही दूर । मीन मरे कंटक फँसे, दौरि मांस लखि कूर ।।१४७।। १. अच्छे घराने का, ४. रक्षा करनेवाला, आलस्य रहित ८. देखकर, ११. आयु, का जानकार, १५. बया नाम के पक्षी ने, २. आज्ञाकारी, ३. पुरुषार्थी, ५. सही, ६. मालिक के कार्य में ७. जमा-खर्च का हिसाब लिखनेवाला, ९.स्पर्श करके, १०.निर्णय करनेवाला, १२. खाने-पीने के पदार्थों के बारे में योग्य-अयोग्य १३. वैद्य, १४. रसोइया, १६. पक्ष

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