Book Title: Bhagvati Sutram Part 05
Author(s): Sudharmaswami, 
Publisher: Hiralal Hansraj

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Page 493
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir ती प्र०) हे भगवन् ! कोइ पुरुष झाडना मूळने हलाये के नीचे पाडे तो ते पुरुषने केटली क्रिया लागे ? [३०] हे गौतम! |P! व्याख्या साडना मूळने इलावनार के नीचे पाडनार पुरुषने कायिकी वगेरे पांचे क्रियाओ लागे, अने जे जीवोना शरीरथी मूल यावत् बीजावा प्राप्ति 18नीपज्यां छे ते जीवोने पण कायिकी वगेरे पांचे क्रियाओ लागे. [प्र.] हे भगवन् ! त्यार पछी ते मूळ पोताना मारने लीधे नीचे ॥१४१९॥ १४१९॥ दोपडे अने बीजा जीवोनु घातक थाय तो तेथी मूळने हलावनार के तोडनार ते पुरुपने केटली क्रिया लागे ! [उ०] हे गौतम! जेट-1* लामा ते मुळ पोताना भारने लीधे नीचे पडे अने वीजा जीवोनु घातक थाय तेटलामा ते पुरुषने कायिकी वगेरे चार क्रियाओ, लाग. तथा जे जीवोना शरीरथी कंद नीपज्यो छे, यावत्-धीज नीप, छे ते जीवोने कायिकी यावत् - चार क्रियाओ लागे. बळी जे जीयोना शरीरथी मूळ नीपज्यूछे ते जीवोने कायिकी यात-पांच क्रियाओ लागे. तथा जे जीयो स्वाभाविक रीते नीचे पडता मूलना उपग्राहक-उपकारक छे ते जीवोने पण कायिकी वगेरे पांच क्रियाओ लागे के. [प्र.] हे भगवन् ! कोई पुरुष वृक्षना कंदने इलावे तो तेने केटली क्रिया लागे ? [उ.] हे गौतम ! कंदने इलावनार ते पुरुषने याव-पांच कियाओ लागे. तथा जे जोबोना शरीरथी मृळ यावत् बीज नीपज्यू के ते जीवोने पण पांच क्रियाओ लागे के. [प्र०] हे भगवन् ! त्यार पछी ते कन्द पोताना भारने लीधे नीचे पडे अने यावत्-जीवोनो घात करे तो ते पुरुषने केटली क्रियाओ लागे? [उ.] ते पुरुषने यानन-चार कियाओ लागे. 21(साक्षात् घातक नहि दोषाथी प्राणातिपातक्रिया न लागे.) तथा जे जीवोना शरीरोधी मृळ, स्कंध वगेरे नीपज्यां छे ते जीवोने परमपराए घातक होवाथी प्राणातिपात क्रिया सिवाय चार क्रियाओ लागे अने जे जीवोना शरीरोथी कंद नीपज्यो ते जीवोने यावत् पांचे क्रियाओ लागे. वळी जे जीवो स्वाभाविक रीते नीचे पडना ते कंदना उपकारक होय ते जीवोने पण पांचे क्रियाओ For Private And Personal

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