Book Title: Bambai Chintamani Parshwanathadi Stavan Pad Sangraha
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Chintamani Parshwanath Mandir

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ चिन्तामणि पार्श्वनाथ मंदिर, बम्बई के प्रतिमा लेख ( नं० १,२,५ व नं० २४ बाली मूर्तियां सूरत से आई हुई हैं । अन्य मूर्तियों में से कुछ आनन्दपुर लक्ष्मणपुर ( लखनऊ ) एवं कॉपिल्यपुर में * प्रतिष्ठित हैं, बाकी बम्बई में ।) १. मूलनायकजी सं. १८२८ शा. १६६४ व. । वैः सुः १३ गुरु श्रोः । वृ.शा. । भाईदासेन श्री गौड़ीपार्श्वनाथ बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं । श्री खरतर गच्छे भ. । श्री जिनलाभसूरिभिः ॥ २. मूलनायकजी से बांये ओर - सं० १८२८ शा. १६६४ वै. सु. १३ गुरौ से. | भाईदासेन अनन्तनाथ बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्री खरतरगच्छे भ। श्री जिनलाभसूरिभिः सूरत बिंदरे || ३. मूलनायकजी से बांये - सं. १८६३ व । माघ सुदी १० बुध...... श्राविका बाई श्री चन्द्रप्रभबिवं कारितं प्रतिष्ठितं खरतरगच्छे भ। श्री जिनहर्षसूरि पट्टदिवाकर जं. । यु । भट्टारक | श्रीजिनमहेन्द्रसूरिभिः ॥ ४. पिचल मय यंत्र - सं. १९१० वर्षे शाके १७७५ प्रवर्त्तमाने माघ शुक्ल २ तिथौ श्री सिद्धचक्र जंत्र प्रभ। श्रीजिनमहेन्द्रसूरिभि का । गो । छाजेड़ ओसवाल हरप्रसाद तत् भारज्या सोनाबोबी श्र ेयोर्थमानंदपुरे । ५. मूलनायक जी से दाहिनी ओर - स १८२८ । वै । शु.। १२ गुरौ । । सेठ भाईदासेन श्री धर्मनाथ बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं बृहत्खरतरगच्छे भ. श्रीजिनलाभ Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 178