Book Title: Balbodh Pathmala 1
Author(s): Ratanchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 8
________________ Version 002: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates णमोकार मंत्र की महिमा एसो पंचणमोयारो सव्वपावप्पणासणो। मंगलाणं च सव्वेसिं पढ़मं हवई मंगलम्।। यह पंच नमस्कार मंत्र सब पापों का नाश करने वाला है तथा सब मंगलों में पहला मंगल है। यह मंत्र मोह-राग-द्वेषका प्रभाव करने वाला और सम्यग्ज्ञान प्राप्त कराने वाला है। अरहंत, सिद्ध, प्राचार्य, उपाध्याय और साधु ये पाँचों परमेष्ठी कहलाते है। जो जीव इन पाँचों परमेष्ठीयों को पहिचान कर उनके बताये हुए मार्ग पर चलता है उसे सच्चा सुख प्राप्त होता है। प्रश्न - १. णमोकार मंत्र शुद्ध बोलिए। २. इस मंत्र में किसको नमस्कार किया गया है। ३. इस मंत्र के स्मरण से क्या लाभ हैं ? ४. पंच परमेष्ठियों के नाम बताइये। ५. सच्चा सुख कैसे प्राप्त होता है ? Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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