Book Title: Balbodh Pathmala 1
Author(s): Ratanchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 26
________________ Version 002: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates माँ तथा उनकी दिव्य ध्वनि द्वारा तत्वोपदेश होने लगा जिससे भव्य जीवों को मुक्ति के मार्ग का ज्ञान हुआ। - तो तुम क्या उनकी ही स्तुति करती हो ? मैं भी किया करूँगी। क्या वे मुक्ति का मार्ग बतायेंगे ? – अवश्य किया करना। वे तो कुछ दिन बाद मुक्त हो गए थे। अर्थात् धर्मसभा (समवशरण) आदि को भी छोड़कर सिद्ध हो गए। पर उनका बताया हुआ मुक्तिमार्ग तो आज तक भी ज्ञानियों द्वारा हमें प्राप्त है और जो उनके बताए मुक्तिमार्ग पर चलें वे ही उनके सच्चे भक्त हैं तथा वे स्वयं भगवान भी बन सकते हैं। प्रश्न १. भक्तामर स्तोत्र में किसकी स्तुति है ? २. भगवान आदिनाथ का संक्षिप्त परिचय दीजिए। . अक्षय तृतीया पर्व के सम्बन्ध में तुम क्या जानते हो? ४. राजा ऋषभदेव भगवान आदिनाथ कैसे बने तथा उन्हें आदिनाथ क्यों कहा जाता है ? ५. उन्हें वैराग्य कैसे हुआ ? ६. क्या उनका बताया हुआ मुक्तिमार्ग हम पा सकते हैं ? यदि हाँ, तो कैसे ? २३ Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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