Book Title: Balbodh Pathmala 1
Author(s): Ratanchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 11
________________ Version 002: remember to check http://www.AtmaDharma.com for updates पाठ तीसरा तीर्थंकर भगवान छात्र - गुरुजी ! बाहुबली क्या भगवान नहीं हैं ? अध्यापक – क्यों नहीं है ? छात्र - चौबीस भगवानों में तो उनका नाम आता ही नहीं है। अध्यापक – चौबीस तो तीर्थंकर होते हैं। जो वीतरागी और सर्वज्ञ हैं, वे सभी भगवान हैं। अरहंत परमेष्ठी और सिद्ध परमेष्ठी भगवान ही तो हैं। छात्र - क्या तीर्थंकर भगवान नहीं होते ? अध्यापक – तीर्थंकर तो भगवान होते ही है पर साथ ही जो तीर्थंकर न हों पर वीतरागी और पूर्णज्ञानी हों, वे अरहंत और सिद्ध भी भगवान हैं। Please inform us of any errors on rajesh@AtmaDharma.com

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