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छंद
ऋषभ अजित संभव अभिनन्दन ,
१२
सुमति पदम सुपार्श्व जिनराय। ८ ९ १० ११ चन्द्र पुहुप शीतल श्रेयांस जिन,
वासुपूज्य पूजित सुरराय।। विमल अनन्त धर्म जस उज्ज्वल,
१६ १७ १८ १९
शान्ति कुंथु पर मल्लि मनाय। २० २१ २२ २३ मुनिसुव्रत नमि नेमि पार्श्व प्रभु ,
२४
वर्द्धमान पद पुष्प चढ़ाय। छात्र - इनके जानने से लाभ क्या है ? अध्यापक – इनके उपदेश को समझकर उस पर चलने से हम सब भी
भगवान बन सकते हैं। प्रश्न
भगवान किसे कहते हैं ?
तीर्थंकर किसे कहते हैं ? ३. तीर्थंकर और भगवान में क्या अंतर है ?
क्या प्रत्येक भगवान तीर्थंकर होते हैं। ४. तीर्थंकर कितने होते हैं ? नाम सहित बताइये। ५. क्या भगवान भी चौबीस ही होते हैं। ६. पहले , पाँचवें, आठवें, तेरहवें, सोलहवें, बीसवें, बाईसवें और चौबीसवें तीर्थंकरों
के नाम बताइये। ७. एक से अधिक नाम किन-किन तीर्थकरों के है ? नाम सहित बताइये।
१-२४ चोबीस तीर्थंकरों के नाम
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