Book Title: Avashyak Niryukti Part 07
Author(s): Aryarakshitvijay
Publisher: Vijay Premsuri Sanskrit Pathshala
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सू.॥
निर्यक्तिभाष्यादिश्लोकानां अकारादिक्रमः 304 आवासियं च वूढं ..... ॥१३६०॥ | इच्छा मिच्छा.... ॥६६६॥| उक्कोसो मणुएसुं..... ॥५३॥ आसग्गीवे १ तारय २... भा.४२॥ | इच्छा य अणुन्नवणा ..... ॥१२१९॥ | उग्गकुलभोग०.... भा. ५०॥ आसमपयंमि पासो ..... ॥२३१॥ | इच्छामि खमासमणो ..... ॥सू. ॥ ) उग्गह इक्क......
॥४॥ आसवदारा संसार०.... ॥ध्या.९५॥ | इच्छामि पडिक्कमिउं.... सू.॥ | उग्गह ईहाऽवाओ..... ॥२॥ आसवदारावाए तह.... ॥ध्या.८८॥ | इच्छामि पडिक्कमिउं..... उग्गा १ भोगा २ ...... ॥२०२॥ आसा हत्थी गावो ..... ॥२०१॥ | इच्छामि पडिक्कमिउं..... .॥ | उग्गाणं भोगाणं ....... ॥२२५॥ आसाढी इंदमहो ...... ॥१३३९॥ इटाणं विसयाईण ...... ॥ध्या.८॥ | उच्चारं कुव्वंतो छायं ..... ॥पा. ८१॥ आसायणावि णेवं.... ॥७१४॥ | इत्तरियं पिन कप्पड़.... ॥७२१॥ उच्चारे पासवणे ...... ॥१२५०॥ आसी अइक्खुभोई... भा.६॥
इत्तरियाइविभासा..... ॥७१९॥| उज्जममाणस्स ...... ॥११६१॥ आसी अ कंदहारा.... | इत्थं पुण अहिगारो..... ॥७९॥ | उज्जाणं संपत्तो..... भा. १०६।। आसी अ पाणिघंसी... भा.८॥
इत्थं पुणं चउभंगो ..... ॥१६१८॥ उज्जाणपुरिमताले .... ॥३४२॥ आसुंखुहं समेई, ..... ॥१५९०॥ इत्थी विज्जाऽभिहिया ..... ॥९३१॥ उज्जेणि अट्टणे ..... ॥१२८०॥ आसुक्कारगिलाणे ..... पा.३१॥ इय करणकारणा..... ॥ध्या. २३॥ | उज्जेणिदेविलासुय ..... ॥१३१०॥ आह जह जीवघाए ..... ॥१५८३॥
इय दुल्लहलंभं ..... ॥८३६॥| उज्जेणिवंतिवद्धण०...... ॥१२८८॥ आहाकम्मे य तहा ...... पा.७३॥
इय नाणचरणहीणो ..... ॥०॥उज्जेणी अंबरिसी...... ॥१३०१॥ आहारंमि उ जा सा..... पा. ७२॥
इय लिंगनाणस०..... ॥११४६॥ उज्जेणीए जो जंभगेहि.... ॥७६६॥ आहारओ उ जीवो ..... ॥८१५॥
इय सव्वगुणाधाणं.... ॥ध्या.१०५॥| उज्जेणीए धणवसु ..... ॥१२८२॥ आहारतेयलंभो,.... ॥४६॥
इयरहवि तान ...... ॥१४५५॥| उट्ठाणणामगहणे ...... ॥१२७४॥ आहारे १ सिप्प.... IR०३॥
इरियावहिया हत्थं०..... ॥१३८४॥ | उट्ठाणाई दोसा उ ....... पा.५९॥ आहारे संघाओ...... ॥भा. १७०॥
इरियासमिई भासे०.... पा. २७॥| उस्सासो अप०..... पा. २५॥ - [इ]
इह लोइ अत्थ० .... . ॥१०११॥ | उत्तरकुरु सोहम्मे..... (*प्रक्षि.) इंदपुर इंददत्ते बाव०..... ॥१२९२॥
इहभवभिन्नागारो..... ॥९६८॥| उत्तरकुरु सोहम्मे..... ॥१७२॥ इंदियमाउत्ताणं ..... ॥१३८९॥
इहलोए फलमेयं ...... ॥१४१६॥] उत्तरवाचालंतरवणसंडे..... ॥४६७॥ इंदियविसयकसाए ..... ॥९१९॥
इहलोगंमि तिदंडी १..... ॥१०१२॥ उत्तरवायाला नागसेण .... ॥४६८॥ इअ सव्वकालतित्ता.... ॥९८६॥
| इहलोगंमि सुभद्दा ..... ॥१५५३॥| उत्ताणउव्व पासिल्लउव्व... ॥९६७॥ इअ सिद्धाणं सुक्खं ..... ॥९८४॥
[ई]
उत्ति उवओगकरणे..... ॥९९८॥ इक्कस्स दोण्ह व ...... ॥१३८७॥
| ईसत्थं घणुवेओ १५ .... भा. १७॥ | उत्ति उवओगकरणे ..... ॥९९९॥ इक्कारसवि गणहरे.... ॥८२॥
ईसीपब्भाराए सीआए .... ॥९६०॥ उत्थरमाणो सव्वं ...... ॥१२६१॥ इक्कारे मक्कारे धिक्कारे.... ॥१६७॥
ईसीपब्भाराए सीआए..... ॥९६५॥ उदिआ परीसहा सिं०..... ॥२३५॥ इक्कासीई १० बावत्तरी....॥२६७॥
ईहा अपोह वीमंसा ,..... ॥१२॥| उद्देस १ समुद्देसे २ .... ॥भा.१८३॥ इक्किक्क तिन्नि वारे.... भा.२२८॥
[]
उद्देससमुद्देसे सत्ता..... ॥१५३७॥ इक्खाग भूमि १.... ॥३८२॥
उक्कुट्ठिसीहणायं ...... ॥५५॥ उद्देसे १ निद्देसे.... ॥१४०॥ इक्खागकुले जाओ.... ॥१४९॥
उक्कोसयट्ठितीए .... ॥८१७॥| उप्पज्जति वयंति .... ॥७९३॥ इक्खागेसु मरीई .... ॥४४०॥
उक्कोसेण दुवालस..... ॥१३४३॥ | उप्पण्णमि अणते ..... ॥३४१॥ इच्चेवमाइ सव्वं ..... ॥३१२॥
उक्कोसेणं चेयं अद्धा०.... ॥९००॥| उप्पण्णमि अणंते ..... ॥५३९॥ * ा सूत्र नि. १२१८ ५छी छ. + १२७१ ५७.. + ११५७ ५७.. ★ १७१ ५७..
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