Book Title: Avashyak Niryukti Part 07
Author(s): Aryarakshitvijay
Publisher: Vijay Premsuri Sanskrit Pathshala

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Page 329
________________ ૩૧૮ જ આવશ્યકનિર્યુક્તિ હરિભદ્રીયવૃત્તિ અકારાદિક્રમ मगहा गोब्बरगामे..... ॥६४३॥ माउयपयंति नेयं ...... भा. २३३॥ | मूलुत्तरगुणरू वस्स ..... .॥ मगहा गोब्बरगामो ..... ॥४९३॥ मागहमाई विजयो ..... ॥३४८॥ मूसाइ महाकायं..... ॥भा.२२१॥ मगहारायगिहाइसु ..... ॥२३४॥ माणुस्स खेत्त जाई ..... ॥८३१॥ | मेरु गिरितुंगसरिसो ..... ॥१२५६॥ मग्गसिरसुद्धइक्कारसीइ....॥२५०॥ | माणुस्सयं चउद्धा ..... ॥१३५६॥ मेरु गिरीसमभारे न ..... ॥३५१॥ मग्गे १ अविप्पणा०..... ॥९०३॥ मायरं पियरं वावि ...... ॥११९७॥ मोत्तुं गिलाणकज्ज..... पा. २९॥ मच्छुव्वत्तं मणसा ...... ॥१२०९॥ माया य रुद्दसोमा..... ॥७७५॥| मोत्तूणमेसिमिक्कं सेसाण..॥७८५॥ मज्जणणिसेज्जअक्खा....॥७०३॥ | मायाए उस्सग्गं सेसं ..... ॥१५४३॥ मोरी नउलि बिराली... भा.१३८॥ मज्झत्थस्स उ ....... ॥ध्या. ११॥ मारणया जीववहो २१... भा. १९॥ मोरीयसन्निवेसे दो.... ॥६४४॥ मडयं मयस्स ..... ॥भा. २६॥| मासं पाओवगया..... ॥६५९॥ मोसलि संधि, ....... ॥५१०॥ मणपज्जवनाणं..... ॥६॥ मासे २ अ तवो .... ॥१५७३॥ मोहपयडीभयं अभि०.... ॥१४५६॥ मणपरिणामो अ...... ॥भा. ८९॥ माहकुंडग्गामे ..... ॥४५७॥ मोहे १ य झाण २..... भा. ११४॥ मणसहिएण उ......॥१४८८॥ माहेसरीउ सेसा पुरिअं.... ॥७७२॥ . [य] . . . मणसा वावारंतो ....... ॥१४८०॥ मिगावई १ उमा .... ॥४०९॥ यद्यपि मया तथा..... ॥२॥ मणिआई दोराइसु ..... भा. १५॥| मिच्छत्तकालियावाय० .... ॥९१३॥ [र] मणिकणगरयणचित्तं ..... ॥५४५॥ मिच्छत्तपडिक्कमणं...... ॥१२५१॥ रज्जाइच्चाओऽवियर ..... ॥२१३॥ मणिकणगरयणचित्ते ..... ॥५४७॥| मिच्छत्तमोहणिज्जा ..... ॥१०९३॥ रत्तुक्कडा उइत्थी ...... ॥१३५७॥ : मणिरयणहेमयाविय ..... ॥५५०॥ मिच्छभयघोसण...... ॥१३२५॥ रहवीरपुरं नयरं दीवग.... |भा. १४६॥ मणुए चउमण्णयर ..... ॥५६५॥| मिच्छादिट्ठीयाणं जं.... ॥७८८॥ राइणियं वज्जेत्ता.... ॥६७१॥ मणुएहिं खलु जा..... ॥पा.९॥| मित्ति मिउमद्दवत्ते ...... ॥१५०७॥ राओव्रणीयसीहासणे..... ॥५८९॥ मयहरगागारेहिं अन्न.... ॥१५७६॥| मित्ति मिउमद्दवत्ते.... ॥६८६॥| रागद्दोसकसाए (य), .... ॥९१८॥ मयहरपगए बहुप०...... ॥१३४८॥| मिहिला २१ सोरिअ०..... ॥३८४॥ रागद्दोसकसायास०...... ॥ध्या.५०॥ मरु देवी १ विजय २..... ॥३८५॥| मिहिलाए लच्छिघरे.... भा.१३२॥ रागेण व दोसेण..... . भा. २५३॥ मलए पिसायरू ... ॥५०८॥ मुक्कधुरासंपागडसेवी०...॥११२७॥ रागेण व दोसेण ...... ॥१४१३॥ मल्लिस्सवि वाससयं .... ॥२९५॥ मुणिचंद कुमाराए ..... ॥४७७॥| | मणिचंट कमारा ..... ॥४७७॥ रागो दोसो मोहो....... ॥ध्या. १३॥ . महरिहसिज्जारूहणंमि.... ॥१०८५॥ मुणिसुव्वए नमिमि ...... ॥४१८॥ | रायकुलेसुऽवि जाया ..... ॥२२२॥ महिया उगब्भमासे..... भा.२१९॥ मुणिसुव्वओ अ...... ॥३८१॥ रायगिह विस्सनंदी ..... ॥४४४॥ महिया य भिन्नवासे ..... ॥१३२८॥ | मुत्तपुरीसनिरोहे जिण्णा०..।।७२६॥ रायगिह विस्सभूई .... ॥४४५॥ महुपुग्गलाई तिन्नि .... ॥१६०९॥ मुहपुग्गलरसयाणं ..... ॥१६११॥ रायगिहमगहसुंदरि ..... ॥१३१५॥ महुरपरिणाम सामं १.... ॥१०३१॥ मूअं हुंकारं वा.... ॥२३॥| रायगिहे गुणसिलए.... भा.१२८॥ महुराए जउण राया ... ॥१२८३॥ मूढनइयं सुयं कालियं.... ॥७६२॥ राया आइच्चजसो ...... ॥३६३॥ महुराए जिणदासो ..... ॥४७०॥ मूढो व दिसिज्झ...... ॥१३८२॥ राया इह तित्थयरो ...... ॥१३२६॥ महुसित्थ १७ मुद्दि १८ ..... ॥९४२॥ | मूयं च ढड्डुरं चेव, ..... ॥१२१२॥ ॥१२१२॥ राया करेइ दंडं सिद्धे..... ॥१९८॥ मा मे एजउ काउत्ति ..... ॥१४७६॥| मूलगुणउत्तरगुणे ..... ॥१६१६॥ राया व रायमच्चो ..... ॥५८४॥ मा मे चलउत्ति ....... ॥१४७८॥| मूलगुणाणं लंभ.... ॥१११॥ रुप्पं टकं विसमा०..... ॥११३९॥ मा वेअणा उ तो....... ॥१४२३॥| मूलगुणावि य दुविहा ...... प्र.॥ रुप्पं पत्तेयबुहा टंक...... ॥११४०॥ * १५५७ ५७.. * १४२५ पछी.

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