Book Title: Astavakra Gita
Author(s): Raibahaddur Babu Jalimsinh
Publisher: Tejkumar Press

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Page 389
________________ ३८२ अष्टावक्र गीता भा० टी० स० कहाँ है ? स्थूल कहाँ है ? सूक्ष्म कहाँ है ? जो सर्वत्र परिपूर्ण है, उसमें कुछ भी नहीं बनता है ॥ ६ ॥ मूलम् । क्व मृत्युर्जीवितं वा क्व लोकाः क्वास्य क्व लौकिकम् । क्व लयः क्व समाधिर्वा स्वमहिम्निस्थितस्य मे ॥ ७ ॥ पदच्छेदः । क्व, मृत्यु:, जीवितम, वा, क्व, लोकाः, क्व, अस्य, क्व, लौकिकम्, क्व, लयः, क्व, समाधिः, वा, स्वमहिम्नि स्थितस्य मे || अन्वयः । शब्दार्थ | स्वमहिम्न = अपनी महिमा में स्थितस्य = स्थित हुए मे= मुझको क्व = = कहाँ मृत्युः = मृत्यु है ? वा=अथवा क्व=कहाँ जीवितम् = जीवित है ? क्व =कहाँ अन्वयः । शब्दार्थ | लोकाः = भू आदि लोक है ? अस्य = इस मुझ ज्ञानी को क्व= कहाँ लौकिकम् = लौकिक व्यवहार है ? क्व = कहाँ लय: =लय है ? वा=अथवा क्व = कहाँ समाधि = समाधि है ? भावार्थ | मृत्यु कहाँ है ? और जीवन कहाँ है ? आत्मा तीनों कालों में एकरस ज्यों का त्यों अपनी महिमा में स्थित है । • उसमें जन्म कहाँ ? मरण कहाँ ? लोक कहाँ ? लोकों में

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