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अष्टावक्र गीता भा० टी० स०
कहाँ है ? स्थूल कहाँ है ? सूक्ष्म कहाँ है ? जो सर्वत्र परिपूर्ण है, उसमें कुछ भी नहीं बनता है ॥ ६ ॥
मूलम् ।
क्व मृत्युर्जीवितं वा क्व लोकाः क्वास्य क्व लौकिकम् । क्व लयः क्व समाधिर्वा स्वमहिम्निस्थितस्य मे ॥ ७ ॥ पदच्छेदः ।
क्व, मृत्यु:, जीवितम, वा, क्व, लोकाः, क्व, अस्य, क्व, लौकिकम्, क्व, लयः, क्व, समाधिः, वा, स्वमहिम्नि स्थितस्य मे ||
अन्वयः ।
शब्दार्थ |
स्वमहिम्न = अपनी महिमा में
स्थितस्य = स्थित हुए
मे= मुझको क्व = = कहाँ
मृत्युः = मृत्यु है ?
वा=अथवा क्व=कहाँ
जीवितम् = जीवित है ?
क्व =कहाँ
अन्वयः ।
शब्दार्थ |
लोकाः = भू आदि लोक है ? अस्य = इस मुझ ज्ञानी को क्व= कहाँ
लौकिकम् = लौकिक व्यवहार है ? क्व = कहाँ
लय: =लय है ?
वा=अथवा क्व = कहाँ समाधि = समाधि है ?
भावार्थ |
मृत्यु कहाँ है ? और जीवन कहाँ है ? आत्मा तीनों कालों में एकरस ज्यों का त्यों अपनी महिमा में स्थित है । • उसमें जन्म कहाँ ? मरण कहाँ ? लोक कहाँ ? लोकों में