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सुद्धापाणय. ]
(
७६७ )
[ सुनंदा.
मूर्छा. The 7th intonation of गच्छा ० १०७, (२) सभायार; ५५२. the $aļja group of musical समाचार; खबर. News. सु. च० १०, ७४:
notes. अणुजो० १२८; ठा० ७, १; -जणग. त्रि० ( -जनक ) शुद्धि ४२नारं. सुद्धापाणय. न० ( शुद्धापानक) ले । शुद्धि करनेवाला. That which purifies. માસ સુધી શુદ્ધ આહારનું સેવન કરે,
पंचा० १५, ४६; तमा मे मास सुघा भूमि शय्या, 2 भास सुधम्मा. स्त्री० ( सुधर्मा ) मे नामनी हेव. કાષ્ઠ શમ્યા અને બે માસ સુધી દર્ભ શવ્યા
सभा. इस नाम की देवसभा, An asકરે, એમ કરતાં, છઠ્ઠા મહિનાની છેલ્લી
| sembly of gods so named. सू० ॥त्रिये से देव प्रगट यच तेने हाय ५० १८; जीवा० ३, ४; । २पर्श रे, ते स्पर्शने. मयुंजणे सुधा. स्त्री. ( सुधा ) अमृत. अमृत. આશીવિષ સમાન થાય, આ દેવતાના |
____Nectar. जीवा० ३, ४; (६२४ २५र्शने शुापान व परत २५श सुधोयतरय. न० ( सुधापनतरक ) सारीशत ४३ वामां आवे छ. जो कोइ छः। ७. अच्छी तरह दौडना. Running महिनों तक शुद्ध प्राहार का सेवन करे और | well. भग० ६, १; उसमें दो महिनों तक भूमि शय्या, दो महिनों सुनंद. पुं० (सुनंद )ीपना सरतमा तक काष्ठ शय्या और शेष दो मास तक दर्भ यनार नवमा तीर्थन पूलवर्नु नाम. शय्या पर सोवे तथा इतना करते हुए जब छठे | जंबूद्वीप के भरतखण्डमें होनेवाले नवें तीर्थकर महिने की अन्तिम रात को दो देवता प्रकट के पूर्व भव का नाम. Name of the होकर उसका हाथमे स्पर्श करे, तब उस स्पर्श previous life of the 9th wouldको जो भला समझे वह आशीविष के समान be Tirthankara in Bharata हो जाय; इस देवता के हस्त स्पर्श को शुद्धापानक Khanda of Jambidvipa. सम० देवहस्त स्पर्श जल कहते हैं. The touch प० २४१; (२) से नामनो मे भारास. of the hands of two gods एक मनुष्य का नाम. A man so named. who appear on the last विवा० २; -जीव. पुं० ( -जीव ) night of the sixth month સુનંદને જીવ કે જે આવતી ચોવીસીમાં to a man who eats pure food નવમા પિટિલ્લ નામના તીર્થકર થશે. for six months, sleeps on सुनंद का जीव जो आगामी चौवीसीमें नवें floor for two months, and a पोटिल्ल नामक तीर्थकर होंगे. The soul wooden board for two months of Sunanda which will be and on grass for two months. born as the 9th Tirthankara "सेकिंतं सुद्वापाणए सुद्धापाणए, जेण छ मासे | named Potilla. प्रक० ४६८; सुद्ध खाईमखाइ दो मासे पुढवि संथारो वगए," , सुनंदा. स्त्री० ( सुनंदा ) पानाथ अनुना भग० १५, १;
भुज्य श्रापित।. पार्श्वनाथ प्रभु की मुख्य सुद्धि. स्त्री० ( शुद्धि ) निता; शुद्धि श्राविका. The chief laywoman of
पवित्रता. निर्मलता; पवित्रता; शुद्धि. Purity; | the lord Parsvanātha. कप्प० ६, holiness. उत्त० १, २६; दस० ७, ५५; १६३; (२) भूतानेंद्रना त्रिसपानी
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