Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 4
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 870
________________ सूरकंत. ] [ सूरदेव. The time of the rising of 4th heavens named Surkānta. the Sun. सम० २३; -चरिया. स्त्री० सम० ५; -मणि. पुं० ( - मणि ) नुमो ( -चर्या ) सूर्यना आस लावानी विधा. "सुरकंत'' श६. देखो “सूरकत" शब्द. सूर्य की गति जाननेकी विद्या. The science Vide “सूरकंत.'' “सूरकंतमणिणिस्सिय.'' of kuowiug the inovements पन्न १: जीवा० १; of the Sun. सूय० २, २, २७; | सूरकृड. पुं० ( सूरकूट ) श्रीन योथा हेव. --- स्थमण. न० (-अप्तमन ) सूर्यन 241- सोनु मे विभान. तीसरे चौथे देवलोक का एक यम. सूर्य का अस्त होन. The set- fania. A celestial abode of the ting of the Sun. भग० ७, ६; ] 3rd and 4th devaloka. सम , ५; --परिवेस. पुं० ( –परिवेष ) सूर्यनी | सूरज्झय. पुं० ( सूरध्वज ) के नामनु श्रीग यसपास . सूर्य के आसपास का | योथा हेरसोनु मे विभान. तीसर चौथे मंडल. A circle round the देवलोक के एक विमान का नाम. Name Sun. भग० ३, ७: अणुजो० १२७: | of a celestial abode so named of the 3rd and 4th heaveus. --मंडल. न० ( -मगइल ) सत्यतुं भांsj- | सम० ५: માર્ગ; આકાશમાં સૂર્યની ગતિથી બનતી લીટી. सूरण. पुं० ( सूगा ) १२:१; से तने मूर्य का मंडल-मार्ग-अाकाशमें सूर्य की गतिसे 5. सूरण; एक कन्द विशेष. A kind बननेवाली रखा. The disk or path of bulbons root. पंचा० ५, २७; of the Suu. कप्प० ३, ४४; जीवा० १; पन्न. १; भग० ७, ३; प्रव० सम० १३; ज. प. ७, ११७; २०८; -कंद. पुं० ( -कन्द ) सूरण -- वत्तवया. स्त्री० ( -वक्तव्यता ) सुर्थन। नामना . सूरण नामक कन्द. A root सा२ सूर्य का अधिकार. Descrip-] named Surau. जीवा० १. पन्न) १; tion of the Sun. ० १० ७, १५०; | भग, ७, ३; प्रव० २३८; - वर. पुं० ( - वर ) प्रधान सूर्य. प्रधान | सूरणअ. पु. ( सूरणक ) ९२०२१ मे गत मु. The chief Sun. सू० १० १६: | *. सूरगा; कन्द विशेष. A root --विमागा. न० ( –विमान ) सय named Suran. उत्त० ३६, ६८; विमान. सूर्य का विमान. The ariel | सूरत्थमणपविभत्ति. स्त्री० ( -सूगस्तमनविcar of the Sun. ० १० ७, १६४; | भक्ति ) मा सूर्य मायभवानी हेमार नाया. घ. ७; બતાવવામાં આવે એવું ૩૨ નાટકમાંનું सूरकंत. पुं० ( सूर्यकान्त ) सूर्य 1-1 मणिः | स. ३२ नाटकों मेस एक नाटक जिसमें सूयाસચિત્ત કઠિન પૃથ્વીના ૩૬ પ્રકારમાને स्त का दृश्य दिखलाया जाता है. (One) लो प्रा२. सूर्यकान्त मणि; सचित्त कठिन of the 32 kinds of drama re पृथ्वी के ३६ प्रकारोंमेंसे अन्तिम प्रकार. | presenting sunset. राय. २ The sun stone. उत्त० ३६, ७६; | सूरदेव. पुं० ( सूरदेव ) 14ना मरतक्षेत्रमा पन्न. १; (२) १२४ात नामे त्री योथा थनार मा तीर्थ:२ नम. जम्बूद्वीप के यस विमान. सूर्यकान्त नामक | भरतक्षेत्र के भावी दुसरे तीर्थंकर का नाम. तीसर चौथ देवलोक का एक विमान. A | Name of the 2nd Tirthankara celestial abode of the 3rd and I to be born in Bharata region Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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