Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 4
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 881
________________ सेणिय. ] 291 न० ( - भ्रमण ) श्रेणी - धरोनी पंडितमां लिक्षा भाटे भाग थुं ते. घरों की बट्टी में भिक्षार्थ भ्रमण. Wandering for the sake of alms round a row of houses. प्रव० ७५५; - प्पसेणि. स्त्री० ( प्रश्रेणि) वर्ग उपवर्गः ज्ञाति उपज्ञाति वर्ग उपवर्ग; ज्ञाति उपज्ञाति. Major or minor classes. जं० प० ३, ४३; सेणिय. पुं० ( श्रेणिक ) मे नामो દેશના મહાવીર પ્રભુના વખતના એક રાજા કે જેને અનાથિ મુનિના સમાગમથી ધોધ મળ્યા અને જે મહાવીર મિના પરમ ભકત થયા, તીર્થંકર નામ ગાત્ર ખાંધ્યું અને આવતી ચોવીસીમાં પહેલા तीर्थ २ थशे. महावीर स्वामी के समय के मगध देश के एक राजा जिन्होंने अनाथि मुनि के समागम से धर्म बोध प्राप्त किया, महावीर स्वामी के परम भक्त हुए, तीर्थकर नाम गोत्र बाँध गये तथा जो आगामी चौबीसी के पहिले तीर्थकर होंगे. A king so named of Magadha_country contemp oraneous with Mahāvīra svāmī, who being enlightened in religion by Anathi muni became a great devotee of Mahāvīra svāmī, and attaining Tirthankara Nāma karma will become the 1st Tirthankara, उत्त० २०, २ सम० १० २४१; नाया ० १ ६ १३; १८; भग० १, १; भत्त ६७; उवा ० ८, २३१; जीव. पुं० ( - जीव) श्रेणि राज्मने। वडे ने आावती योवीसीमां प्रथम तीर्थ :२ थशे. श्रेणिक राजा का जीव जो भागामी चौबीसीमें प्रथम तीर्थकर होगा. The soul of the king Śrenika which will become Jain Education International - - ( ८५७ ) [ सेनावच्च. the 1st Tirthankara in the coming cycle. प्र० ४६४; सेण न० ( सैन्य ) २५२; सेना. सेना, फौज लश्कर. An army. जं० प० वेय० ३,३०; सेत. त्रि० ( श्वेत ) सह; धोणुं. सफेद; श्वेत; धौला. White. भग० ६, ३३; १५, १ पन० २ जीवा ० ३; अणुजो० १३१; (२) हिवसना श्रीन मुहुर्तनुं नाम. दिन के दूसरे मुहूर्त का नाम. મગધ the 2nd muhurta Name of of a day. सू० प० १०; सेतिया स्त्री० ( सेतिका ) भुमो "सेइया" शह. देखो "सेइया" शब्द. Vide " संइया. " अणुजो ० १३२; सेतु पुं० ( सेतु ) भो "सेउ" देखो "सेउ" शब्द. Vide "सेउ. ' १, १; सेत्त. त्रि० ( समाप्त ) समाप्त; संपूर्ण समाप्त; सम्पूर्ण. Finished; complete. जं० प० ७, १७०; भग० २५, ७; पत्र० १ सेतुंज. पुं० ( शत्रुत्रय ) शेत्रुन्ने पर्यंत } જેના ઉપર ગાતમ કુમાર આદિ દશ દાર મુનિએ એક માસના સંચાર કરી निर्वाशुपत पाम्या शत्रुंजय पर्वत जिस पर गौतम कुमार मादि दश दशार मुनियोंने एक मास का संथारा करके मोक्ष पद प्राप्त किया. The mountain Satrunjaya For Private Personal Use Only 2106. पराह● on which the 10 Daśāra sages fasted and obtained salvation. अंत० १, १ नाया ० १६; सेद्. त्रि० श्वेत ) भुख। “सेत" शह देखो "सेत" शब्द. Vide "सेत. पन० १; सेनावच्च. न० २०६. देखो "सेणावच.” पन० २ कप्प० २, १३; 33 सेनापत्य) लुओ "सेणावच " “सेणाक्च" शब्द. Vide www.jainelibrary.org

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