Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 4
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 871
________________ सूरपन्नत्ति. ] [ सूरमंडल. - कुल मांडCTRv. ५०योजनमा, - - of Jambadvipa. प्रव० ४६४; सम - स्थानक. (One) who eats froin ५. २४१; morning till evening; the सूरपन्नत्ति. स्त्री० ( सूरप्रज्ञप्ति ) भां सूर्य 19th stage of non.concentraસંબંધી વિવેચન છે તેવું એક કાલિક સૂત્ર. tion. सम० २०, सूर्य सम्बन्धी विवेचनवाला एक कालिक सूत्र. सूरप्पहा. स्त्री० ( सुरप्रभा ) 11 मानार्थना प्रत्रया पासमीन नाम. ११वें तीर्थकर की A Kālik sūtra wbich deals प्रव्रज्या पालखी का नाम. Name of a with solar topics. ज. प. ७ १५०; नंदी० ४३; ठा० ३, १; ४, १; palanquin at the time of ini tiation of the 11th Tirthan. सूरपब्वय. पुं० ( सूरपर्वत ) से नामनी से। kara. सम प० २३१; (२) भूयं प्रमा मा२। पर्वत. एक वखारा पर्वत का नाम. A नामे मे १९२५. सूर्यप्रभा नामक एक गृहस्थ Vakhārā mountaiu so uamed. A man named Sürya Prabhā. ठा०८, १: (२) बातमीना भी नाय! ० ध० ७; (3) सूर्यप्रभा नामे में विहेमांना से पर्वत. घातकी खंड के महा न्या. सूर्यप्रभा नामक एक कन्या. A विदेह का एक पर्वत. A mountain in daughter named Sūrva Alahavideha. ठा० २, ३; Prabhā. नाया. घ. ७: सूरप्पभ. पुं० ( सूरप्रभ ) से नमर्नु त्रीत योथा हेर मे विमान. तीसरे चौथे देवलोक के एक विमान का नाम. Name of the celestial abode so named of the 3rd and 4th heavens. सम० ५; (२) मे नाम- सू२प्रमा पार्ने मे सिसन. सूरप्रभा दवी के एक सिंहासन का नाम. Name of a throne of Suryaprabha goddess नाया. घ. ७; सूरप्पमा स्त्री० (सूरप्रभा ) योनिपीना 15- सूर्यनी पी समलिली. ज्योतिषी = मुर- मंडल-सर मंडल के इन्द्र सूर्य की प्रथम अग्रमहिषी. The first chief queen of the Sun. भग० १०, ५, ठा. ४, १; सू० प. १६; नाया. ध० ७; जीवा० ४, १: --देवी स्त्री० ( -देवी ) मे "सूरप्पभा' श६. दखो “सूरप्पभा' शब्द. Vide “सूरप्पभा." नाया० ध० ७; सूरप्पमाणभोजि. त्रि. ( सूरप्रमाणभोजिन् ) સૂર્ય ઉગ્યાથી આથમ્યા સુધી ખા ખા કરનાર; दावे प्रलय योजन. मसमाधिन 1८ मुं २थान. सूर्योदयस लेकर सूर्यास्त तक खा खा करनेवाला; असमाधिका १६वा । सूरमंडल. न० ( सूर्यमण्डल ) सूर्यने सारामां - । - - HTTARA । / / JEE / / THS BEBEE ये बांट HODARA Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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