Book Title: Apbhramsa Bharti 2007 19 Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy View full book textPage 4
________________ क्र.सं. विषय 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 11. 12. 13. विषय-सूची प्रकाशकीय सम्पादकीय अपभ्रंश साहित्य : एक दृष्टि 'पउमचरिउ' में काव्य सौन्दर्यसृष्टि: कवि - दृष्टि एवं प्रयोग कवि स्वयम्भूकृत पउमचरिउ में स्तुति काव्य सोहइ हलहरजत्थहिं अपभ्रंश साहित्य के कवि स्वयंभू और पुष्पदन्त कुसुमियफलियइं णंदणवणाई साधारण सिद्धसेनसूरि-रचित विलासवई-कहा : जहिं पिक्कसालिछेत्तें घणेण सिद्धों और नाथों के साहित्य के सामाजिक सन्दर्भ पं. जोगदेवकृत श्री मुनिसुव्रतानुप्रेक्षा सुप्पय दोहा 'पउमचरिउ' में संज्ञा शब्दों के प्रयुक्त पर्यायवाची शब्द लेखक का नाम डॉ. शैलेन्द्रकुमार त्रिपाठी डॉ. मधुबाला नयाल डॉ. उमा भट्ट महाकवि पुष्पदन्त श्री अनिलकुमार सिंह 'सेंगर ' महाकवि पुष्पदन्त श्री वेदप्रकाश गर्ग महाकवि भासकृत 'अविमारकम् ' डॉ. (श्रीमती) कौशल्या चौहान में प्रयुक्त प्राकृत के अव्यय महाकवि पुष्पदन्त श्री राममूर्ति त्रिपाठी श्रीमती सीमा ढींगरा पण्डित जोगदेव संपा-अनु. - आचार्य सुप्रभ संपा - अनु. - पृ.सं. (v) (vii) 1 7 23 32 33 38 39 42 43 51 63 श्रीमती शकुन्तला जैन 70 सुश्री प्रीति जैन 103Page Navigation
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