Book Title: Apbhramsa Bharti 1994 05 06
Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Gopichand Patni
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ क्र.सं. विषय विषय-सूची प्रकाशकीय सम्पादकीय 1. लोक और अपभ्रंश साहित्य 2. रयणायरो व्व सोहायमाणु 3. पउमचरिउ और रामकथा - परम्परा 4. णं अमरविमाणहिँ मणहरेहिँ 5. अध्यात्मरसिक कबीर की पृष्ठभूमि में मुनि रामसिंह 6. फागु-काव्य : विधा और व्याख्या 7. संदेश - रासक में श्रृंगार-व्यंजना 8. हेमचन्द्र के प्राकृतव्याकरण में उद्धृत अपभ्रंश के दोहों में नारी - हृदय की धड़कनें 9. करकण्डुचरिउ में अणुपेक्खाः प्रयोजन दृष्टि 10. अपभ्रंश भाषा से जनभाषा की विकास-प्रवृत्तियाँ लेखक का नाम डॉ. शैलेन्द्रकुमार त्रिपाठी कवि कनकामर सुश्री मधुबाला नयाल कवि कनकामर डॉ. (श्रीमती) पुष्पलता जैन डॉ. त्रिलोकीनाथ प्रेमी डॉ. इन्द्रबहादुर सिंह डॉ. वी. डी. हेगडे डॉ. (कु.) आराधना जैन 'स्वतंत्र' श्रीमती अपर्णा चतुर्वेदी 'प्रीता' पृ.सं. 1 6 7 16 17 27 37 55 65 73

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 90