Book Title: Apbhramsa Bharti 1990 01
Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Chhotelal Sharma
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 112
________________ अपभ्रंश भारती 101 ते जग्गहि जग्गन्ति/जग्गन्ते जग्गिरे वे दोनों जागते हैं। = वे सब जागते हैं। ता वे दोनों जागती हैं। जग्गहि/जग्गन्ति/जग्गन्ते/जग्गिरे = वे सब जागती हैं। ते जीवहि जीवन्ति/जीवन्ते जीविरे वे दोनों जीते हैं। वे सब जीते हैं। ता वे दोनों जीती हैं। जीवहि/जीवन्ति/जीवन्ते/जीविरे = वे सब जीती हैं। 1. ते वे दोनों (पुरुष)/वे सब (पुरुष) । अन्य पुरुष बहुवचन ता=वे दोनों (स्त्रियाँ)/वे सब (स्त्रियाँ) । (पुरुषवाचक सर्वनाम) 2. वर्तमानकाल के अन्य पुरुष बहुवचन में हिं' 'न्ति' 'न्ते' 'इरे' प्रत्यय क्रिया में लगते हैं। 3. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं। 4. उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं। यहां कर्ता अन्य पुरुष बहुवचन में हैं अतः क्रिया भी अन्य पुरुष बहुवचन की लगी है।

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