Book Title: Anusandhan 2018 11 SrNo 75 01
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 206
________________ १९४ अनुसन्धान- ७५ ( १ ) आती लघुभाष्य की गाथाओं में मिलते पाठभेदों की सूचि इस परिशिष्ट में दी गई है । परिशिष्ट ५ : लघुभाष्य की पीठिका - खण्ड - गत सभी गाथाओं के आदि-पद की अकारादि अनुक्रमणिका । इसमें चूर्णि, वृत्ति एवं बृहद्भाष्य - इन तीनों के गाथाङ्क दिये गये हैं । और जहाँ पर बृहद्भाष्य की गाथा के साथ लघुभाष्य की गाथा की तुलना करने योग्य है वहाँ बृहद्भाष्य के गाथांक के साथ 'तु. ' शब्द भी लिख दिया है । परिशिष्ट ६ : लघुभाष्य की गाथाओं की तालिका । चूर्णि स्वीकृत लघुभाष्य-वाचना के गाथा - क्रमांक को मुख्य बनाकर, वह गाथा वृत्ति में एवं बृहद्भाष्य में कहाँ - कौन से क्रम पर है उसकी यह तालिका है । यहाँ भी 'तु.' लिखकर तुलना का संकेत यथास्थान दे ही दिया है। इस परिशिष्ट की मदद से कोई भी गाथा, तीनों ग्रन्थ में कहाँ पर है, यह आसानी से पकड़ा जाएगा । परिशिष्ट ७ : बृहद्भाष्य के पीठिकाखण्ड की गाथाओं के आदिपद की अकारादि क्रम से अनुक्रर्माणका इस परिशिष्ट में मिलेगी । परिशिष्ट ८ : कल्पवृत्ति के पीठिकाखण्ड का नया शुद्धिपत्रक । इस अध्ययन के दौरान वृत्ति में अमुक अशुद्धियाँ हमारे ध्यान में आई, उसका एक छोटा-स -सा पत्रक, अध्येताओं के उपयोग के खातिर यहाँ रखा है I परिशिष्ट ९ : चूर्णि में उद्धृत किये गये उद्धरण या पाठसन्दर्भों की सूचि । यथासम्भव उनके मूल स्थानों के निर्देश के साथ । परिशिष्ट १० : चूर्णिगत विशेषनामों की अवर्गीकृत सूचि । परिशिष्ट ११ : उक्त विशेषनामों की वर्गीकृत सूचि । परिशिष्ट १२ : लघुभाष्यगत एवं चूर्णिगत कथाओं के संकेत, उनके स्थान एवं विषय की नोंध । परिशिष्ट १३ : ऐसे ही, लघुभाष्य व चूर्णि में आते दृष्टान्तों के संकेत, स्थान एवं विषय की नोंध ।

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