Book Title: Anusandhan 2016 12 SrNo 71
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 290
________________ २८० अनुसन्धान-७१ तेमणे वडोदराना प्रो. सोनवणे, नाम सूचव्यु; अमे तेमनी पासे लेख तैयार कराव्यो अने खातरी थई के पसंदगीमां जराय भूल थई न हती. हरिवल्लभ भायाणीनी जेम तेओ रात-दिवस कार्यरत रह्या, आ लेखनकार्यवाचनकार्यने कारणे तेओ घरनी के कार्यालयनी चार दिवालोमा रह्या. तेमने जितेन्द्रभाईनी घणी ओथ हती. पाछळथी हेमन्त दवे, पीयूष ठक्कर तेमना अन्तरंग वर्तुळमां प्रवेश्या. आ बन्ने मात्र आवा वर्तुळमां ज नहीं पण तेमना अन्तरमां प्रवेशी गया. बन्नेने पुत्रवत् गणीने केटलो बधो स्नेह ठालव्यो ! आजे प्रश्न थाय के आवी प्रतिभाओने पांगरवा माटेनुं वातावरण क्यां छे ? वातावरण ऊभुं करवू पडे. 'अमना गयाथी शून्यावकाश सर्जायो' अर्बु रटण कर्या करवानो कशो अर्थ खरो ? C/o 233 राज्यलक्ष्मी सोसायटी, जूना पादरा रोड, वडोदरा.

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