Book Title: Anusandhan 2016 12 SrNo 71
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
View full book text
________________
ओक्टोबर-२०१६
२९१
संगीतने लगतां लखाणो सप्तकमां संगृहीत थयां छे. गुजरातीमां आ प्रकारना आ पहेला ज पुस्तकने विषयना जाणकारोए उमळकाथी वधाव्युं हतुं. एनो प्रथम सुदीर्घ लेख 'आगियो अने स्वर्णभ्रमर' हिन्दुस्तानी अने कर्णाटक ए बन्ने संगीत परम्पराओनो पारगामी, संवेदनशील छतां चिकित्सक दृष्टिए तुलनात्मक अभ्यास आपे छे. मालकोस रागना मूळ नाम विशेनो एमनो लेख आ खूब जाणीता रागर्नु नाम औडव भैरव होवानुं सूचवे छे, तो साथे ज वर्तमाने विद्वत्सम्मत अभिप्राय के जूनो भारतीय सप्तक काफी राग आधारित हतो एनी पुनर्विचारणा करी ए भैरवी उपर आधारित हतो तेम सूचवे छे. 'संगीतमा रक्ति' ए लेखमां संगीतशास्त्रना संस्कृत ग्रन्थोमांथी पुष्कळ अवतरणो साथे पोताना मतनी स्थापना करी तेमणे रक्तिना विभावने स्पष्ट करवानो प्रयत्न कर्यो छे. अन्य एक लेखमां एमणे भारतीय संगीत परम्परामां वादननी अपेक्षाए गायननी श्रेष्ठता मान्य गणाई होवानुं दर्शाव्युं छे. ए सिवाय आ पुस्तकमां बडी मोती, ठाकूर जयदेव सिंह, नीलम्मा कडम्बी जेवा संगीतना उत्तम महारथीओ विशे एमणे संवेदनासभर लखेला परिचयात्मक लेखोनो पण समावेश थाय छे. ____ ढांकीसाहेबनां हिन्दी लखाणो प्रमाणमां जूज छे. मानतुङ्गाचार्य और उनके स्तोत्र (जितेन्द्र शाह साथे) पुस्तकमां एमणे मानतुङ्गाचार्यनी अमर रचना भक्तामरस्तोत्र नी वाचना अने ए विशेनो अभ्यास आप्यो छे. भक्तामरस्तोत्र नी बे वाचना मळे छे : चुंवाळीश पद्योनी श्वेताम्बर अने अडतालीस पद्योनी दिगम्बर. आ वाचनाओना तेमज एने लगतां पूर्वसूरिओनां अध्ययनोना सूक्ष्म अन्वेषण बाद सम्पादको चुंवाळीस श्लोकोनी श्वेताम्बर वाचनाने आधारभूत माने छे अने एने अनुसरे छे. एमनो मत आ कृतिने ई० स० नी छट्ठी सदीना उत्तरार्धमां मूकवानो अने दिगम्बर वाचनामां जोवा मळतां चार क्षेपक पद्योने ई० स० नी चौदमी सदीमां मूकवानो छे. वळी, आ कृतिना कर्ताना सम्प्रदाय विशे पण मतभेद होवाथी एनी पण गवेषणा चलावी सम्पादको प्रतिपादित करे छे के मानतुङ्गाचार्य श्वेताम्बर हता. विशेष उल्लेखनीय तो आ महान कवि-विचारकनी सम्प्रदायसंकुचिततानी सम्पादकोओ करेली टीका छे. कृतिना वीसमा श्लोकमां मानतुङ्गाचार्ये-मूळे ब्राह्मण पण पाछळथी जैन–शिव अने विष्णु विशे निन्दात्मक

Page Navigation
1 ... 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316