Book Title: Anusandhan 2016 12 SrNo 71
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 298
________________ २८८ अनुसन्धान-७१ मूर्तिओ, जेमांनी छेक नीचेना स्तरनी मूर्तिओ कायोत्सर्ग मुद्रामा हती; आ रचना जे मन्दिरमा स्थापित करवामां आवेली ते मन्दिर हाल सगराम सोनीना मन्दिर एवा खोटा अभिधानथी जाणीतुं छे, जो के एमां आ रचना हाल नथी. कल्याणत्रयना शिल्पविधानने नक्की कर्या बाद तेओ बतावे छे के आ प्रकारनी ज नेमिनाथने समर्पित रचना आबुस्थित लुणवसहिकानी हस्तिशाळामां पण जोवा मळे छे, जेने मुनि कल्याणविजय त्रिखण्ड चौमुख तरीके, मुनि जयन्तविजय मेरुगिरि तरीके अने उ० प्र० शाह पञ्चमेरु तरीके ओळखावे छे. रचनाविधाननी दृष्टिए आ रचना गिरनारस्थित नेमिनाथ देवालयमां तेजपाले करावेला अने परिपाटीओमां वर्णित कल्याणत्रय साथे तंतोतंत मळे छे, एथी वाजबी रीते ज ढांकीसाहेब बतावे छे के आ रचनानुं खरं नाम कल्याणत्रय छे. आ प्रकारनी रचना राजस्थानमां अन्य स्थानेथी पण मळेली छे. अभिलेखोना पुरावाओथी तेओ पोताना आ तारणने पुनः विशेष समर्थित करे छे. ढांकीसाहेबना अभ्यासनो मुख्य विषय मन्दिरस्थापत्यनो होवा छतां तेमणे नागरिक स्थापत्यो विशे पण प्रसंगोपात्त लखाणो करेलां छे. नाडोल अने नाडलाईनां मन्दिरो विशेना लेखमां तेओ गुजरातमां वावना स्थापत्यनी चर्चामां ऊतरे छे. तेओ अहीं सोदाहरण बतावे छे के गुजरातनी वावमां जोवा मळता सशोभित माळ मन्दिरस्थापत्यनी बीजी केटलीय बाबतोनी जेम मळे मुरुदेश(राजस्थान)थी आव्या छे. एमना मते मारगुर्जर देवालयोनी जेम गुजरातनुं वावसौन्दर्य पण अंते राजस्थाननी देन छे.. आ सिवाय, गुजरातीमा एमणे कलाअर्थघटन, शोभनाङ्कनो, स्थापत्यना विविध अवयवो, मूर्तिविधान अने मूर्तिविद्या विशे पण घणा लेखो लख्या छे. ढांकीसाहेबना संशोधन- बीजुं मुख्य क्षेत्र निर्ग्रन्थविद्यान. १९७३मां ला० द० प्राच्यमन्दिरमा भारतीय कला अने स्थापत्यना संशोधन-प्राध्यापक तरीके जोडाया बाद जैन धर्मना इतिहासमां तेमज साहित्यमां तेओ विशेष रस लेता थया. अलबत्त, आ पूर्वे एमणे जैन कला अने स्थापत्य विशे लेखो प्रगट करेला खरा. एमनुं जैन इतिहास अने साहित्यमां प्रदान खूब महत्त्व- छे. जैन साहित्य अने धर्म प्रत्येनो एमनो अभिगम अरूढ अने एक सत्यवक्तानो छे. तेओ परम्पराप्राप्त माहिती स्वीकारे खरा पण एने चारेबाजुथी चकास्या बाद. बीजी रीते कहीए तो अन्य साधनोथी ए माहितीनुं समर्थन थयेलं होवू जोइए. आ

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