Book Title: Anusandhan 2000 00 SrNo 17
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 237
________________ अनुसंधान-१७० 228 तेमणे वर्षों पहेला अमुक बाबत परत्वे पोताना विचारो जाहेरमां व्यक्त करेला, जेने कारणे तेओनी भारे टीका थई हती अने ते ज कारणे जीवनभर केटलाक लोकोए तेमनी साथे अस्पृश्यता जेवो पण व्यवहार को हतो. मारी तेमना विशे एक स्पष्ट छाप रही छे के तेओने जो प्रमाणो अने तर्क साथे समजाववामां आवे के तमारा आ विचारो तथा विधानो अयोग्य के भूलभरेलां छे, तो तेओ एक पळनोय विलंब कर्या विना पोतानी वात पाछी खेंची ले, पोताना उतावळा विधानो बदल क्षमा मांगे, तथा भूल सुधारनारनी पीठ थाबडे. परंतु आपणे त्यां तेमने आ प्रकारे वाळवानो उद्यम करवाने बदले तेमने ऊतारी पाडवानुं तेमज सामाजिक रीते अस्पृश्य जेवा गणवानुं ज वलण अपनावातुं रघु ! __तेमना जीवनना एक महत्त्वपूर्ण प्रसंगनो हुँ साथी तेमज साक्षी रह्यो छु. भगवान महावीरदेवनी पचीसमी शताब्दीनी उजवणी निमित्ते अमदावादमां एक प्रवचनसभानुं आयोजन थयेलुं. वक्ता तरीके श्रीरिषभदास रांका आवेला. आयोजन श्रीदलसुखभाई तथा रतिलाल दीपचंद देसाईने सोंपायेलुं. आयोजक गुजरात राज्य कमिटीना वडा लेखे शेठ कस्तूरभाई लालभाई हता. ___ आ सभामां तोफान थवानी दहेशत हती. आयोजकोनुं ध्यान पण दोरेलु ज. परंतु धर्म अने धर्मी जनो प्रत्ये निःशंक निष्ठा धरावता, तेमज विरोध करनारा अहिंसक विरोध ज करे, हिंसक नहि ज, तेवा ख्यालमां रमता आयोजकोए कोई तकेदारी न राखी. फलतः विरोध करनारा मित्रोए श्रीरांकानी आंखमां मरचां छांट्यां, तेमने लगभग निर्वस्त्र करी मूक्या तथा अन्य भांगफोड पण करी, ने सभा न थवा दीधी. ___ तत्काल पोलिस आवी. तोफानीओ पैकी ४-५ पकडाया पण खरा. अति व्यग्र एवी ते क्षणोमां पण जेवू आयोजक बे य विद्वानोना ध्यान पर आव्यु के पोलिस ४ युवानोने पकडी लई जई रही छे के तरत ज तेओ बधुं गडतुं मूकीने दोड्या, वानने रोकी अने पकडायेला युवकोने 'तेओ निर्दोष छे' एम कही जामीन आपीने छोडावी मूक्या. पाछळथी आ अंगे तेमने पूछ्युं त्यारे तेमणे जे कडं ते तेमना आंतरिक प्रवाहोने समजवा माटे बहु महत्त्व, छे. तेमणे कर्वा के महाराज ! Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274