Book Title: Anusandhan 2000 00 SrNo 17
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 270
________________ अनुसंधान-१७. 261 . क्रम लेख ३०. धर्म की दो प्राचीन व्याख्याएं भाषा हिन्दी प्रकाशनवर्ष १९६० प्रकाशक अहमदाबाद की प्रार्थना समाजमें गुजरातीमें दिए गए भाषणका अनुवाद प्रार्थना समाजमां गुजराती १९६० ३१ · धर्मनी बे जूनी व्याख्या ३२ नयचक्र ३३ प्रबुद्ध जीवन गुजराती गुजराती हिन्दी ३४ प्राचीन आगमों में जैनदर्शन की भूमिका आत्मानंद प्रकाश १९६७ रजत जयन्ती समारंभ प्रसंगे- १९६४ प्र.जी. डॉ. आदिनाथ नेमिनाथ १९७७ उपाध्ये की स्मृतिमें शिवाजी युनि.में ता.७-१०-७७ को दिया गया प्रथम व्याख्यान संगोष्ठिमा ता. ४-५-७७ संगोष्ठिमें उदेपुर उद्घाटन व्याख्यान २-१०-७६ ३५ ३६ बौद्धसमंत विज्ञानाद्वैत गुजराती भ.महावीरका उपदेश हिन्दी और आधुनिक समाजआज के संदर्भ में भ. महावीर के विचारों की संगति भ.महावीरनो जीवन गुजराती संदेश भगवान बुद्ध और हिन्दी महावीर भगवान बुद्ध और हिन्दी महावीर भारतीय संस्कृति गुजराती प्रबुद्ध जीवन १९७२ १९६४ बंबइ पजुसन व्याख्यानमालासे प्र.जी.से अनूदित १९६४ ४० गुजराती भारतीय संस्कृतिमां गुजरातनुं स्थान ४२ भारतीय संस्कृतिमां जैन-बौद्ध धर्मनुं प्रदान ४३ शून्यवाद युनि.व्याख्यान, लोकभारती -- सौराष्ट्र युनि., १९७५ . (लायन्स कलबमां व्याख्यान १९६३ ५-६-६३) प्रगटः प्र.जी.. (गुजरात विद्यापीठमां व्याख्यान१९७२ 'विद्यापीठ'जुलाई-ओगस्ट संगोष्ठि व्याख्यान, संबोधि १९७७ गुजराती गुजराती Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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