Book Title: Anusandhan 2000 00 SrNo 17 Author(s): Shilchandrasuri Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad View full book textPage 1
________________ roo 10. मोहरिते सच्चवयणस्स पलिमंथू ( ठाणंगसत्त, ५२९) 'मुखरता सत्यवचननी विघातक छे' अनुसंधान श्रीहेमचन्द्राचार्य प्राकृतभाषा अने जैनसाहित्य विषयक संपादन, संशोधन, माहिती वगेरेनी पत्रिका पं. दलसुखभाई मालवणिया १७ स्मृति विशेषांक PR sled ineKNO LOOD 'OGONDA GOOG "00 - संपादको: विजयशीलचन्द्रसूरि हरिवल्लभ भायाणी कलिकालसर्वज्ञश्रीहेमचन्द्राचार्य नवम जन्मशताब्दी _ स्मृति संस्कारशिक्षणनिधि - अहमदाबाद 1700102012 238 ६ www.jainelibrary.org 600Page Navigation
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