Book Title: Anusandhan 2000 00 SrNo 17
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 272
________________ अनुसंधान-१७ • 263 क्रम लेख भाषा प्रकाशक प्रकाशनवर्ष ५ न्यायावतारवार्तिक वृत्ति हिन्दी सिंघी जैन ग्रंथमाला, नं.-२० १९४९ बम्बई प्रमाण वार्तिक गुजराती बनारस युनिवर्सिटी १९५९ भगवान महावीर गुजराती आचार्य श्री तुलसी, अमदावाद१९७५ रत्नाकरावतारिका १-२ हिन्दी ला.द.सिरिज १९६८ ९ विशेषवश्यकभाष्य १-२ हिन्दी । ला.द.सिरिज श्री लोकाशाहनी एक गुजराती (लुंकाना सदहिया अट्ठावन १९६४ बोल 'स्वाध्याय २) १९६९ कृति प्रकाशनवर्ष १९७५ १९६४ m १९७३ 3 सह-संपादन क्रम लेख भाषा प्रकाशक १ आचार्यश्री आनंदऋषि हिन्दी अभिनंदन ग्रंथ गुरुदेव श्री रत्नमुनि गुजराती ___ -- स्मृतिग्रंथ जैन साहित्यका हिन्दी भा.१-२ बृहद् इतिहास जैनधर्मनो प्राण गुजराती ___पं. सुखलालजी ज्ञानबिन्दु गुजराती पं. सुखलालजी साथे तत्त्वार्थसूत्र गुजराती हिन्दी तत्त्वार्थसूत्र गुजराती हिन्दी तत्त्वार्थसूत्र गुजराती हिन्दी तर्कभाषा गुजराती पं. सुखलालजी साथे दर्शन अने चिंतन-१,२ गुजराती ११ दर्शन और चिंतन हिन्दी .. १२ नंदी-अनुयोगद्वार मूत्र हिन्दी १३ पत्रिका-संपादन गुजराती । Journal of Indian Philosophy, Member Board of consulting editors u , voor १९६२ १९४० १९३९ १९५० १९५२ १९३९ १९५७ १९६८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 270 271 272 273 274