Book Title: Anusandhan 2000 00 SrNo 17
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 269
________________ अनुसंधान-१७• 260 क्रम लेख भाषा प्रकाशक प्रकाशनवर्ष १६ जैन साहित्य समारोह गुजराती तत्त्वज्ञान विभागना प्रमुखनुं -- व्याख्यान, प्र. महावीर जैन विद्यालय हीरक महोत्सव प्रसंगे २१-२३ जान्यु. १९७७ १७ जैन साहित्यगत गुजराती प्रबुद्ध जीवन १९७९ प्रारंभिक निष्ठा १८ जैनदर्शन का प्रारंभ हिन्दी १९७८ जैनदर्शन का विकास हिन्दी १९७८ २० जैनधर्म और बौद्धधर्म हिन्दी पजुसन व्याख्यानमालासे १९५७ २१ जैनधर्म और बौद्धधर्म हिन्दी १९७८ २२ जैनधर्म और संस्कृत हिन्दी बेंगलोरमें 'भारतके भाषा के अध्ययन की विश्वविद्यालयों में धर्मों का स्थिति अभ्यास' नाम से आयोजित ज्ञानसत्र में अंग्रेजी में वक्तव्य दिया था, उसका गुजराती अनुवाद जैन पत्रमें प्रकाशित हुआ. उसीसे हिन्दी १९ ETTEER अनुवाद २३ २४ जैनधर्म का उद्भव जैनधर्मनुं प्राचीन स्वरूप हिन्दी गुजराती १९७८ पाटणनी आर्टस अने सायन्स -- कोलेजमां युनि. व्याख्यान ३-२-७८ पर्युषण पर्वनी व्याख्यानमाळा १९३७ जैनधर्ममा विश्वधर्म बने गुजराती एवा तत्त्वो छ खरा? जैनागम साहित्य हिन्दी जैनागम साहित्य - हिन्दी जैनदर्शन का उद्भव और विकास जैनोनी इतिहास दृष्टि गुजराती २८ १९७८ डो. ए.एन. उपाध्ये स्मारक -- व्याख्यानमाळा, शिवाजी युनि., कोल्हापुर, ७ अने ८-१०-७७ गुज. युनि. इतिहास विभागमा -- ता. १३-२-७५नुं व्याख्यान चित्रना अनावरण प्रसंगे राजाराम-- कोलेज, कोल्हापुर ता.८-११-७७ मौखिक २९ डॉ. ए.एन. उपाध्ये गुजराती Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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