Book Title: Anusandhan 2000 00 SrNo 17
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 267
________________ अनुसंधान-१७. 258 क्रम लेख भाषा प्रकाशक प्रकाशनवर्ष ३४ विद्यानिष्ठ सौजन्यमूर्ति गुजराती जैन जगत (परिचय) १९७१ डॉ. हिरालाल जैन ३५ विद्यामूर्ति गुजराती कुमार १९५१ पं. सुखलालजी ३६ विद्यामूर्ति पं. हिन्दी -- १९५२ सुखलालजी-तरुण ३७ विद्यासंगी श्री नाहटाजी हिन्दी अगरचन्द नाहय अभिनंदन ग्रंथ, बिकानेर १९७६ ३८ शो का संदेश-मुझे हिन्दी श्रमण १९५९ भूल जाओ ३९ श्री परमानंदभाई विषे गुजराती प्र. जी. १९७१ शुं कहेवू? सत्यनिष्ठ डॉ. हिन्दी वैशाली इन्स्टी. रीस. बुलेटीन १९७४ हिरालालजी नं.२, डो. हिरालाल जैन मेमोरियल नं. २ ४१ साहित्य तपस्वी गुजराती प्रबुद्ध जीवन १९६० स्व. प्रेमजी ४२ सेवानिष्ठ सौजन्यमूर्ति हिन्दी साप्ताहिक ग्रामवासी उ.प्र.का १९८७ श्री शान्तिभाई शेठ सबसे प्राचीन वर्तमान साप्ताहिक ४३ स्व. भैरोधनजी शेठिया गुजराती प्र.जी. हिन्दी अनु. जैन प्रकाश १९६१ १५-१०-६१ ४४ स्व. भैरोधनजी शेठिया हिन्दी प्रबुद्ध जीवन हिन्दी अनु.जैन १९६१ प्रकाश ४५ स्व. मोहनलाल झवेरी हिन्दी श्रमण २-१ १९५० ४६ स्व.श्री बालाभाई गुजराती प्र.जी. १९७० वीरचंद देसाई(जयभिक्खु) व्याख्यानो क्रम लेख भाषा प्रकाशक Development of अंग्रेजी Philogie freie Uni. at, Jaina Philosophy Berlin (Seminar for Indische) प्रकाशनवर्ष १९६९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274