Book Title: Anusandhan 2000 00 SrNo 17
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 250
________________ अनुसंधान-१७. 241 ५३ ५६ ५७ भरवामां आव्यु हतुं अने तेना अनुसंधानमा योजायेला स्थानकवासी साधुओना संमेलन अंगे करवामां आवेली आलोचना) गुजरात भावसार गुजराती भावसार-बंधु १९७१ समाजनुं आर्थिक संकट गुजरातके लोककवि हिन्दी जनपद १९५२ मेघाणी गुजरातमां संस्कृत- गुजराती गुज.मां भारतीय भाषाओनो प्राकृत भाषाओ विकास, गुज. विद्यापीठमां अध्ययन-अध्यायन सेमीनार, ३-५-मार्च ७३ चातुर्मास हिन्दी श्रमण १९५० चालो करीए प्रतिक्रमण गुजराती प्रबुद्ध जैन १९४७ छात्रालय माटे सहकार गुजराती भावसार-बंधु १९६५ छात्रालयने स्वर्ग गुजराती भावसार-बंधु १९६९ बनावीए जईणो अ अजईणो अ गुजराती __ प्राकृत जैन प्रकाश १९२९ जैन अने जैनेतर जन्म अने मृत्यु गुजराती जैन प्रकाश १९३५ ६२ जीवन अने अध्यात्म गुजराती प्रबुद्ध जीवन १९५३ ___ जीवो जीवस्य जीवनम् गुजराती प्रबुद्ध जैन । १९५३ जैन आचारना मूळ गुजराती प्रबुद्ध जीवन १६-७-५९ १९५९ सिद्धांतो जैन एकता और महावीर हिन्दी महावीर जयन्ती समारोहके १९७० जयन्ती अवसर पर प्रकाशित स्मारिका जैन और हिन्दु हिन्दी श्रमण १९५० जैन गुणस्थान और हिन्दी वासणसेय सं.वि.वि. के १९७१ बोधिचर्या भूमि . बौद्धयोग और अन्य भारतीय साधनाओंका समीक्षात्मक अध्ययन सेमिनारका निबंध संबोधि १.२ ६८ जैन जीवननी कल्पना गुजराती जैन प्रकाश १९३४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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