Book Title: Anusandhan 1995 00 SrNo 04
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 48
________________ लगता अबुलफझलना ग्रंथ 'आयने अकबरी'मां (बीवरेजनो अंग्रेजी अनुवाद, पृ. ३, प्रकरण ४५, पृ. ३६५) अकबरे फतेहपुर सिक्रीमा इ.स. १५७८मां स्थापेल एबादतखानामां घणा धर्मोना जे प्रतिनिधिओ धर्म संबंधी चर्चा चलवता हता, तेमां सुफी, दार्शनिको, सुन्नी, शीआ, ब्राह्मण, जती, सिऊरा, चार्वाक, नाझरेत वगेरेनो समावेश थतो हतो. विन्सेन्ट स्मिथे आ यादीमां जे 'सिऊरा' शब्द छे तेनी उपर नोंध आपतां 'सिऊरा' (= श्रमणो') एनो बीजाए करेलो 'बौद्धो' एवो अर्थ साचो नथी, पण ते श्वेतांबर जैनो हता एम का होवा, पण देशाईए नोंध्युं छे. आ सिऊरा एटले तत्कालीन ऊर्दु के गुजराती भाषानो कयो मूळ शब्द ? तेनुं मूळ शुं ? सं. श्वेतपटः, प्रा. सेअवडो, तेना परथी जूनी गुजराती सेवडु विस्तारित सेवडउ, बहुवचन सेवडा. 'प्रबंधचिंतामणि मां शैव वामराशिए कहेलुं हेमचंद्राचार्यनी निंदारूप जे संस्कृत पद्य आप्युं छे (पृ. ९२, पद्यक्रमांक २००) तेमां हेमडसेवड एवो प्रयोग करेल छे जेना मूळमां तत्कालीन बोलचालनो श्वेतांबरोने लगतो शब्दप्रयोग छे. आ सेवडा- अबुलफझले फारसी उच्चारण सिऊरा एवं करेल छे. [47] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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