Book Title: Antgada Dasanga Sutra
Author(s): Hastimalji Aacharya
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 242
________________ {214 [अंतगडदसासूत्र उपवास किये, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, दुवालसमं करेइ, करित्ता = पचौला किया, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, चउद्दसमं करेइ, करित्ता = छ: उपवास किये, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, बीया लया = इस प्रकार दूसरी लता पूर्ण की।।2।। भावार्थ-सात किये और सर्वकामगुण पारणा किया। आठ किये और सर्वकामगुण पारणा किया। नव किये और सर्वकामगुण पारणा किया। पचौला किया और सर्वकामगुण पारणा किया। छह किये और सर्वकामगुण पारणा किया । यह दूसरी लता हुई।।2।। सूत्र 3 मूल- बीसइमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता दुवालसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता चउद्दसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता सोलसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता अट्ठारसमं करेइ, करित्ता सव्वकामगुणियं पारेइ, पारिता तइया लया।।3।। संस्कृत छाया- विंशतितमं करोति, कृत्वा सर्वकामगुणितं पारयति, पारयित्वा द्वादशम् करोति, कृत्वा सर्वकामगुणितं पारयति, पारयित्वा चतुर्दशं करोति, कृत्वा सर्वकामगुणितं पारयति, पारयित्वा षोडशं करोति, कृत्वा सर्वकामगुणितं पारयति, पारयित्वा अष्टादशं करोति, कृत्वा सर्वकामगुणितं पारयति, पारयित्वा (एवं) तृतीया लता।।3।। अन्वयार्थ-बीसइमं करेइ, करित्ता = नौ उपवास किये, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, दुवालसमं करेइ, करित्ता = पचौला किया, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, चउद्दसमं करेइ, करित्ता = छ: उपवास किये, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, सोलसमं करेइ, करित्ता = सात उपवास किये, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, अट्ठारसमं करेइ, करित्ता = आठ उपवास किये, करके, सव्वकामगुणियं पारेइ, पारित्ता = सर्वकामगुणयुक्त पारणा किया, करके, तइया लया = इस प्रकार तीसरी लता पूर्ण हुई।।3।। भावार्थ-नव किया और सर्वकामगुण पारणा किया। पाँच किया और सर्वकामगुण पारणा किया। छ: किये और सर्वकामगुण पारणा किया। सात किये और सर्वकामगुण पारणा किया। आठ का तप किया और सर्वकामगुण पारणा किया । यह तीसरी लता हुई।।3।।

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