Book Title: Anekant 1953 12 Author(s): Jugalkishor Mukhtar Publisher: Jugalkishor Mukhtar View full book textPage 3
________________ ॐ अहम वस्तुतत्त्व-सद्योत / / विश्वतत्वप्रकाशक / वाषिक मूल्य ५) एक किरण का मूल्य ॥) JA नीतिविरोधध्वंसी लोकव्यवहारवर्तकः सम्यक् । परमागमस्य बीज भुवनैकगुरुर्जयत्यनेकान्तः ॥ -दिसम्बर वर्ष १२ किरण ७ । १९५३ सम्पादक-जुगलकिशोर मुख्तार 'युगवीर' वीरसेवामन्दिर, १ दरियागंज, देहली मार्गशिर वीरनि० संवत् २४८०, वि० संवत् २०१० * श्री साधु-स्तुति * ज्ञानको उजागर सहज-सुख सागर, सुगुन-रत्नाकर विराग-रस भरयो है। सरनकी रीति हरै मरनको भै न करे, करनसों पीठि दे चरन अनुसरयो है। धरमको मंडन भरमको विहंडन है, परम नरम ह्वे के करमसौं लरयो है। ऐसो मुनिराज भुविलोकमें विराजमान, निरखि बनारसी नमसकार करयो है ॥ -बनारसीदास Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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