Book Title: Anekant 1942 Book 04 Ank 01 to 12
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust
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६१२
अनेकान्त .
[वर्षे ४
- लेख-संवतादि
वंशनाम
गोत्रनाम
बिम्ब
लेख-प्रकाशन-स्थान
.
सं. १२८० फा०व०३ धर्कट
जंतर्गत लेख
प्राबू ले० २५० सं० १२६ वै०व०३
शांतिबिम्ब
श्राबू ले० १२५ गुरंब्य वास्तव्य
पाबू ले० २७७ सं० १३०८ मा० सु. ६ गु.
प्रादिविम्ब
पाबू ले. ५० सं० १३२५ फा० सु०८ भो. घरकट हस्तिकुडी वा०
वि.४३ सं० १३५२ फा० सु. १.बु. धर्कट नाहर गोत्रे वासुपूज्य बिम्ब
, ५०
ना.10. सं० १४०१ फा० सु० । शु० उमभगोत्र कुथु विम्ब
ना०१४८७ सं० ११. फा..२ गु. उपशज्ञातीय धरकट गोत्रे संभव बिम्ब ना० १२० वि० १७६ म० १५३० फा० सु... उमभगोत्र
ना. १९८७ सं० १५५६ फा० सु. ३ मो० ,, (मेहता नगरे) विमल बिम्ब
ना. १५२८ सं० १६०६ मा० सु." उसभ
भाबू ले. २२४ सं० १६०७ ज्ये. सु. १३ गु० , को० मेहता
ना०५४३ धर्कटवंशकी प्रशस्तियांसं० १२८२ का० सु. ८० धर्कट वंशीय
पार्थनाग प्र०
जि0प्र0 सं० १२८२ का० सु० ८ २०
गणियक प्र० जि.) प्र०२५ प्रसं)। सं. १३०० का. २०१३
सालिग प्र० जि0 ४२, प्र0 सं0 ४२ सं० १३०८
माढाक जि) २८, प्र० सं० १४ सं० १३६८ ज्ये. व० ०७०
देवधर जि) ३६, पाटगा सूर्ची पृ०३२७ (उपकेश वंशीय)
संवतक उल्लेख रहिन प्रशस्तियाँ . १२ वीं श० धर्कट वंश
जावड प्र. जि०५१, पाटण मूची पृ०३३३ १२१३वीं श०
नेमिचन्द्र ., जि) १२, प्र) मं० १६ १३-१४ वीं श०
वरदेव , जि.) १२, प्र० सं० २६ श्रीश्रीमालपुरीय .
जि० १३. प्र.) मं.) २ अम्तमें दिगम्बर जैन विद्वानोंसे मेरा अनुरोध कि उनके साहित्य एवं इतिहासमें धर्कट-जानि-सम्बन्धी जो कुछ भी सामग्री हो उसे वे शीघ्र ही प्रकट करने की कृपा करें। .
ना=नाहरजी सम्पादित ल.सं.
प्रावृ=जयंतविजय सम्पादित लेग्यसंग्रह प्रा-जिनविजयजी सम्पादित प्राचीनले० सं० वि०%विद्याविजय सम्पादित लेखसंग्रह जि=जिनविजयजी सम्पादित जो सिंघी ग्रन्थमालासं शीघ्र ही प्रगट होगा। मुझे मुनिजीने फरमे भेजे, इसके लिये
भाभारी प्र०सं०-प्रशास्तिसंग्रह, अहमदाबादमं प्रकाशिन। पाटणसूची-गायकवाड मोरियंटन सीरीजमं प्रकाशित।

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